scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

ईरान का भारत पर तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 1/12
चाबहार के सामरिक रूप से अहम रेल प्रोजेक्ट से भारत को बाहर करने के बाद ईरान ने बुधवार को बेल्ट ऐंड रोड और  चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का समर्थन किया है. ईरान में पाकिस्तान के राजदूत सैय्यद मोहम्मद अली हुसैनी ने कहा है कि बीआरआई और सीपीईसी चीन, ईरान और पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद है.
ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 2/12
चाबहार बंदरगाह को भारत में पाकिस्तान-चीन आर्थिक कॉरिडोर के तहत बनाए गए ग्वादर बंदरगाह का जवाब माना जाता रहा है. हालांकि, अब ईरान चीन के साथ 400 अरब डॉलर की डील पर आगे बढ़ रहा है और उसकी परियोजनाओं को खुलकर समर्थन दे रहा है.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 3/12
ईरान के राजदूत ने भारत का नाम लिए बगैर निशाना साधा. ईरानी राजदूत ने चाबहार के रेल प्रोजेक्ट पर भारत के बिना ही काम शुरू करने के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा, जब कुछ देशों की सरकारें ईरान के साथ अपने संबंधों को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं और सामान्य बातचीत के लिए भी उन्हें दूसरों की इजाजत की जरूरत पड़ रही हो तो वे लंबे समय की साझेदारी पर कैसे काम कर पाएंगे?

Advertisement
ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 4/12
हुसैनी ने बीआरआई और सीपीईसी की जमकर तारीफ की. इसे ईरान की विदेश नीति में बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 5/12
ईरानी राजदूत ने कहा, निश्चित तौर पर, बेल्ट ऐंड रोड परियोजना और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर क्षेत्रीय विकास के लिए उपयुक्त मंच है, खासकर ईरान, पाकिस्तान और चीन के लिए. विकास का ये मॉडल केवल हमारे लिए ही नहीं बल्कि क्षेत्र के दूसरे देशों के बीच सहयोग का भी एक मॉडल है.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 6/12
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने भारत की तरफ से फंडिंग में देरी का हवाला देते हुए चाबहार के रेल प्रोजेक्ट पर अकेले ही काम शुरू कर दिया है. हालांकि, ईरान के कुछ अधिकारियों ने कहा है कि अगर भारत बाद में शामिल होना चाहे तो उसके लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 7/12
जहां, एक तरफ ईरान ने भारत को इस परियोजना से बाहर कर दिया है, वहीं चीन के साथ उसने 25 सालों के लिए 400 अरब डॉलर की रणनीतिक साझेदारी की है.


ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 8/12
ईरानी राजदूत ने कहा कि चीन-ईरान के सहयोग को लेकर तमाम तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. जैसे तमाम पश्चिमी देशों के अधिकारी और मीडिया सीपीईसी को सीक्रेट डील बनाने पर तुली हुई थी. ईरान-चीन के बीच की डील सार्वजनिक मुद्दा है और चीनी राष्ट्रपति के 2016 के ईरान दौरे में साझा बयान में भी इसका जिक्र किया गया था.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 9/12
ईरानी राजदूत ने कहा, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान को अपने संवैधानिक सिद्धांतों के तहत पूर्व और पश्चिम के देशों के साथ लंबी अवधि और समावेशी समझौते करने में कोई परेशानी नहीं है.

Advertisement
ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 10/12
ईरान का हालिया रुख मध्य-पूर्व क्षेत्र में शक्ति संतुलन के समीकरण बदलने का संकेत भी हो सकता है, इस क्षेत्र में अमेरिका का वर्चस्व रहा है लेकिन अब चीन भी यहां अपनी मौजदूगी दर्ज करा रहा है.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 11/12
चाबहार के रेल प्रोजेक्ट से बाहर होने और चीन की ईरान के साथ हुई मेगाडील के बाद चाबहार और ग्वादर बंदरगाह चुनौती के बजाय एक-दूसरे की पूरक योजनाएं भी बन सकती हैं. पाकिस्तान और ईरान इसे पहले भी सिस्टर पोर्ट्स कहते रहे हैं. दोनों बंदरगाहों के बीच की दूरी 100 किमी से भी कम है.

ईरान ने बिना नाम लिए भारत पर कसा तंज, कहा- इजाजत लेकर रिश्ता नहीं चलता
  • 12/12
ईरानी राजदूत ने कहा, ईरान का चीन के साथ सहयोग सामान्य बात है. चीन ने ईरान के साथ संबंधों में स्वतंत्र होकर फैसला किया है. चीन ने ईरान के साथ संबंध मजबूत करने के लिए किसी तीसरे देश की सलाह पर निर्भर नहीं है. ईरान का इशारा अमेरिका और भारत की तरफ था. अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद उस पर कई आर्थिक प्रतिबंध थोप दिए थे. इसके बाद, भारत को भी ईरान से अपने तेल आयात में कटौती करनी पड़ी. हालांकि, अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह को प्रतिबंधों से छूट दी हुई थी लेकिन प्रतिबंधों के डर से कई कंपनियां परियोजना के लिए उत्सुकता नहीं दिखाई और प्रोजेक्ट में देरी होती गई.

Advertisement
Advertisement