रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को भारत-पाकिस्तान सीमा पर पहुंचीं, जहां उन्होंने देश की सैन्य तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने जैसलमेर की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए की जा रही सैन्य तैयारियों को देखा. साथ ही रक्षामंत्री ने दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली गन एटीएजीएस का प्रदर्शन भी देखा. गौरतलब है कि इस गन को पूना स्थित डीआरडीओ ने विकसित किया है और यह पूरी तरह स्वदेशी गन है.
उन्होंने डीआरडीओ विशेषज्ञों से इस गन के बारे में जानकारी भी ली. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत, दक्षिणी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हारिज, सेना और डीआरडीओ के अन्य अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान रक्षा मंत्री ने पोखरण में डीआरडीओ द्वारा विकसित आधुनिक शक्तिशाली थर्ड जनरेशन अपग्रेडेड टैंक अर्जुन मार्क-2 की जबरदस्त फायरिंग क्षमता को भी देखा. वहीं खेतलाई रेंज में डीआरडीओ के बनाए 155 एमएम की देशी गन की खूबीयों के बारे में डीआरडीओ और सैन्यधिकारियों से जानकारी भी हासिल की. हाल ही में इस गन ने पोखरण रेंज में 47.2 किमी की दूरी तक टारगेट को हिट करने का रिकॉर्ड कायम किया है.
बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद वो भारत-पाक सीमा के नजदीक उत्तरलाई वायु सेना स्टेशन पहुंची थीं.
रक्षा मंत्री के उत्तरलाई पहुंचते ही जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
वहां उन्होंने पहली बार मिग 21 बाइसन के कॉकपिट में बैठकर इस फाइटर जेट की ताकत को भी समझा था.
इस दौरान उन्होंने वायु सेना स्टेशन पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का जायजा भी लिया था.
बता दें कि निर्मला सीतारमण 16 साल बाद इस सेंसेटिव एयरबेस पर
जाने वाली पहली डिफेंस मिनिस्टर बनीं. उनसे पहले साल 2001 में जॉर्ज
फर्नाडीस ने इस एयरबेस का दौरा किया था.
रक्षा मंत्री का पदभार संभालने के बाद से ही रक्षामंत्री एक्शन में नजर आ रही हैं. इससे पहले रक्षा मंत्री ने पणजी में 'नविका सागर परिक्रमा'
अभियान को भी हरी झंडी दिखाई थी. पोत के जरिए विश्व की परिक्रमा करने वाले इस
महत्वपूर्ण अभियान का प्रबंधन भारतीय नौसेना के जिन क्रू-सदस्यों के हाथ
में है, जिसके चालक दल में सभी महिलाएं हैं.
यहां निर्मला सीतारमण महिला क्रू-सदस्यों को सैल्यूट करती नजर आई थीं. इस मौके पर उनके साथ पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा क सीएम मनोहर
पर्रिकर भी मौजूद थे.
बता दें कि उन्होंने 7 सितम्बर को रक्षामंत्री के तौर पर पदभार संभाला था और वो देश की पहली पूर्णकालिक रक्षा मंत्री हैं.