भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) जनवरी में अब तक का सबसे अलग सैटेलाइट छोड़ने जा रहा है. यह उपग्रह पहली बार छोड़ा जा रहा है. यह सैटेलाइट जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में एक ही जगह पर स्थित रहकर सिर्फ भारत की सीमाओं की निगरानी करेगा. साथ ही हर आधे घंटे में पूरे देश की एक तस्वीर जारी करेगा. (फोटोः इसरो)
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इस सैटेलाइट का नाम है- GiSAT-1
GiSAT-1 नाम के इस सैटेलाइट की खास बात ये है कि इसमें पांच प्रकार के कैमरे लगे होंगे. इस सैटेलाइट सीरीज में दो उपग्रह छोड़े जाएंगे - GiSAT-1 और GiSAT-2. (फोटोः इसरो)
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15 जनवरी के आसपास होगी लॉन्चिंग
इसरो के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि 23 दिसंबर को सैटेलाइट बेंगलुरु पहुंच जाएगा. इसके बाद उसे 15 जनवरी 2020 के आसपास लॉन्च किया जाएगा. लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से या फ्रेंच गुएना के लॉन्च सेंटर से की जाएगी. (फोटो में फ्रेंट गुएना का लॉन्च पैड)
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जीएसएलवी-MK2 या एरियन रॉकेट से छोड़ा जाएगा
अगर इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से हुई तो इसे जीएसएलवी-MK2 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. अगर लॉन्चिंग फ्रेंच गुएना से हुई तो इसे एरियन रॉकेट से छोड़ा जाएगा.(फोटो में फ्रेंट गुएना का लॉन्च सेंटर)
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हर 30 मिनट पर लेगा देश की तस्वीर
सूत्रों के अनुसार GiSAT-1 में कार्टोसैट सैटेलाइट का ताकतवर पैनक्रोमैटिक कैमरा लगा है. जो हर 30 मिनट में देश की तस्वीर लेगा. इसी तरह बाकी कैमरे भी तस्वीर लेंगे और इसरो सेंटर पर भेजते रहेंगे. (फोटोः इसरो)
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आपदाओं में मिलेगी रियल टाइम तस्वीरें
प्राकृतिक आपदाओं के समय में यह सैटेलाइट लगभग रियल टाइम तस्वीरे भेजेगा. ताकि लोगों को बचाने में ज्यादा से ज्यादा मदद हो सके.
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इसमें लगा है ताकतवर टेलीस्कोप
रिची-क्रेशियन 700 मिमी टेलीस्कोप. यही टेलीस्कोप कार्टोसैट सैटेलाइट्स में लगा है जिसकी मदद से भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी. (इलस्ट्रेशनः इसरो)
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अलग-अलग कैमरे करेंगे अलग-अलग काम
इस सैटेलाइट में टेलीस्कोप के अलावा लगे चार अन्य कैमरे मौसम, कार्टोग्राफी, आपदा प्रबंधन और ढांचागत विकास कार्यों के लिए काम आएंगे. (फोटोः इसरो)