विश्वकर्मा पूजा 2022
विश्वकर्मा (Vishwakarma), हिंदू देवता हैं. उन्हें स्वयंभू और दुनिया का निर्माता माना जाता है. हर साल 17 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है (Vishwakarma Puja 2022 Date). पुराणों की माने तो उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया जहां कृष्ण ने शासन किया था, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का महल और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों के निर्माता भी है. ऋग्वेद (Rigveda) में उन्हें यांत्रिकी और वास्तुकला के विज्ञान, स्थापत्य वेद का श्रेय दिया गया है (Vishwakarma Architecture of the World).
इस दिन भारत के कई स्थानों पर विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति की स्थापना कर पंडाल को सजाया जाता है और सार्वजनिक पूजा का आयोजन किया जाता है, जहां हजारों लोगों पूजा और दर्शन करने आते हैं. विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर कंपनियों और फैक्ट्रियों में मशीन की खास पूजा की जाती है और भगवान से प्रार्थना करते है उनका कारोबार अच्छा चले. लोग अपने गाड़ियों और घर में मौजूद मशीन जैसे टीवी, रेफ्रिजिरेटर, कंप्यूटर, लैपटॉप आदी की पूजा कर प्रसाद चढ़ाते है (Vishwakarma Puja Rituals).
हिंदू परंपरा के अनुसार, विश्वकर्मा को दुनिया के दिव्य अभियंता के रूप में जाना जाता है. चूंकि उन्हें दुनिया के मूल निर्माता के रूप में उन्हें जाना जाता है, इसलिए उन्होंने दुनिया को बनाने और बचाने के लिए एक खास दिन उनको समर्पित है (Vishwakarma Puja 17 September).
विश्वकर्मा के पांच बेटे और दो बेटियां थीं. पुत्रों के नाम- मन्नू, मैदेव, तवष्ट, शिल्पी और देवज्ञ. दिव्य शिल्पकार विश्वकर्मा सभी शिल्पकारों और वास्तुकारों के पीठासीन देवता हैं. वह ब्रह्मा के पुत्र हैं और पूरे ब्रह्मांड के दिव्य शिल्पकार हैं, और सभी देवताओं के महलों के आधिकारिक निर्माता हैं (Vishwakarma Craftsman of the Universe).
Vishwakarma Jayanti 2022: ऐसा कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि का निर्माण किया था, लेकिन इसे सजाने-संवारने का काम विश्वकर्मा जी ने ही किया था. देवी-देवताओं के भवन, महल और रथ आदि के निर्माता भी स्वयं भगवान विश्वकर्मा ही हैं. इसलिए विश्वकर्मा जी को सृष्टि का सर्वोच्च इंजीनियर माना जाता है.