पोर्ट-ऑ-प्रिंस (Port-au-Prince) कैरिबियन सागर के तट पर स्थित हैती (Haiti) देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है. यह न केवल हैती की राजनीतिक राजधानी है, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है. यह शहर गोनावे खाड़ी के किनारे बसा है और अपने प्राकृतिक बंदरगाह की वजह से व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा है.
पोर्ट-ऑ-प्रिंस हैती के पश्चिमी भाग में स्थित है और यह गोनावे खाड़ी के किनारे फैला हुआ है. शहर पहाड़ियों और समुद्र के बीच बसा है, जिससे इसकी प्राकृतिक सुंदरता और रणनीतिक स्थिति दोनों का पता चलता है.
पोर्ट-ऑ-प्रिंस की स्थापना 1749 में फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों द्वारा की गई थी. यह जल्द ही एक प्रमुख बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र बन गया. 1804 में जब हैती को फ्रांस से स्वतंत्रता मिली, तो यह शहर देश की राजधानी बना. यह शहर स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई संघर्षों का साक्षी भी रहा है.
पोर्ट-ऑ-प्रिंस हैती का प्रमुख आर्थिक केंद्र है. यहां कपड़ा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, सीमेंट, और साबुन निर्माण जैसे प्रमुख उद्योग स्थित हैं. साथ ही यह शहर देश के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है, जिससे आयात-निर्यात संबंधी गतिविधियां संचालित होती हैं.
पोर्ट-ऑ-प्रिंस हैती की सांस्कृतिक राजधानी भी माना जाता है. यहां पर बहुत-से संग्रहालय, थिएटर, और ऐतिहासिक स्मारक हैं, जैसे कि Musée du Panthéon National Haïtien, जो देश के नायकों को समर्पित है. यहां की संस्कृति अफ्रीकी, फ्रांसीसी और कैरिबियाई प्रभावों का मिश्रण है. वूडू धर्म और कैथोलिक ईसाई धर्म दोनों का यहाँ प्रभाव देखने को मिलता है.
पोर्ट-ऑ-प्रिंस प्राकृतिक आपदाओं से अछूता नहीं रहा है. 2010 में आए विनाशकारी भूकंप ने इस शहर को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसमें हजारों लोग मारे गए और लाखों बेघर हो गए. पुनर्निर्माण की प्रक्रिया आज भी जारी है. इसके अलावा राजनीतिक अस्थिरता, गरीबी, और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी भी शहर के सामने बड़ी चुनौतियां हैं.