लद्दाख (Ladakh) का नाम आते ही मन में ऊंचे पहाड़, शांति और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य की छवि उभर आती है. इन्हीं खूबसूरत जगहों में से एक है नुब्रा वैली (Nubra Valley), जिसे “लद्दाख का मरुस्थलीय स्वर्ग” भी कहा जाता है. समुद्र तल से लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी दो नदियों, शायोक और नुब्रा के संगम से बनी है और अपनी अनोखी भौगोलिक बनावट के लिए प्रसिद्ध है.
नुब्रा वैली का सबसे बड़ा आकर्षण है हंडर के कोल्ड डेजर्ट और यहां पाए जाने वाले दोहुम्बा (डबल-हंप) बैक्ट्रियन ऊंट. यह ऊंट सिर्फ कुछ ही स्थानों पर मिलते हैं और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. सुनहरे रेत के टीलों के बीच ऊंट की सवारी एक अनोखा अनुभव देती है. इसके अलावा घाटी में स्थित डिस्किट मठ भी बेहद महत्वपूर्ण है, जहां 106 फीट ऊंची मैत्रेय बुद्ध की प्रतिमा शांति का संदेश देती हुई पहाड़ियों को निहारती है.
नुब्रा वैली तक पहुंचना भी किसी रोमांच से कम नहीं. पर्यटक यहां खारदुंग ला पास के रास्ते पहुंचते हैं, जो दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरबल पास में से एक माना जाता है. रास्ते में बदलते मौसम, बर्फ से ढकी चोटियां और बादलों का रहस्यमयी संसार यात्रा को यादगार बना देते हैं.
घाटी का मौसम सालभर ठंडा रहता है, लेकिन अप्रैल से सितंबर तक का समय घूमने के लिए सबसे अनुकूल है. इस दौरान घाटी में हरे-भरे खेत, खुशनुमा हवा और साफ आसमान मन मोह लेता है. नुब्रा में रहने के लिए कैम्प, होम-स्टे और छोटे गेस्ट हाउस आसानी से मिल जाते हैं, जो स्थानीय संस्कृति और भोजन का स्वाद चखने का अवसर भी देते हैं.
नुब्रा वैली प्राकृतिक सुंदरता, रोमांच और आध्यात्मिक शांति का अद्भुत संगम है. कोई भी यात्री यहां आकर खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करता है.