महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (Maharashtrawadi Gomantak Party) एक राजनीतिक दल है, जो 1961 में गोवा में पुर्तगाली शासन की समाप्ति के बाद गोवा की पहली सत्तारूढ़ पार्टी थी. भारत द्वारा गोवा के विलय के बाद हुए पहले चुनावों में, यह दिसंबर 1963 में सत्ता में आई और 1979 के शुरुआती दौर में दलबदल के कारण सत्ता से बेदखल होने तक सत्ता में रही.
पार्टी का आधार महाराष्ट्र के गैर-ब्राह्मण हिंदू प्रवासियों और उनके वंशजों के बीच है, एक ऐसा समूह जिसने गोवा में पुर्तगाली शासन के दौरान गोवा के गरीब निवासियों का एक बड़ा वर्ग बनाया था और जिनकी संख्या 1961 के बाद निमंत्रण पर महाराष्ट्र से बड़े पैमाने पर एमजीपी (MGP) राजनेताओं की आप्रवासन के कारण बढ़ गई थी. हालांकि, गोवा को महाराष्ट्र में विलय करने के एमजीपी प्रस्ताव को मूल गोवावासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था.