महेंद्र भट्ट (Mahendra Bhatt) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें उत्तराखंड भाजपा के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 30 जून 2025 को देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए हुए नामांकन में भट्ट ने एकमात्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था. वे दोबारा इस पद को संभालने वाले उत्तराखंड भाजपा के पहले नेता हैं.
महेंद्र भट्ट ने इससे पहले 30 जुलाई 2022 को पहली बार प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था. वर्तमान में वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ-साथ राज्यसभा सांसद भी हैं.
उनका जन्म 4 अगस्त 1971 को ब्राह्मणथला, चमोली जिला में हुआ था. गढ़वाल क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले ब्राह्मण नेता महेंद्र भट्ट को संगठन का एक मुखर और प्रभावशाली चेहरा माना जाता है. आंदोलनों से लेकर संगठनात्मक मजबूती तक, उनकी भूमिका हमेशा सक्रिय और संतुलित रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनकी निकटता और सामंजस्यपूर्ण राजनीतिक शैली भी दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने में अहम कारण मानी जा रही है.
महेंद्र भट्ट का राजनीतिक जीवन 1991 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर शुरू हुआ. 1991 से 1996 तक वे विभिन्न पदों पर संगठन में सक्रिय रहे. 1997 में वे भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सह मंत्री और 1998 से 2000 तक उत्तरांचल युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बने. उत्तराखंड राज्य निर्माण के दौरान वे 2000-2002 तक पहले प्रदेश अध्यक्ष बने.
2002 में उन्होंने नंदप्रयाग से पहली बार विधायक के रूप में जीत दर्ज की. 2017 में बदरीनाथ सीट से विधायक बने, लेकिन 2007 और 2022 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा करते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया और फिर अप्रैल 2024 में राज्यसभा भी भेजा.
महेंद्र भट्ट ने अपने राजनीतिक जीवन में कई जन आंदोलनों में भाग लिया. राम मंदिर आंदोलन में भागीदारी के चलते उन्हें पौड़ी के कांसखेत में 15 दिन जेल में रहना पड़ा. वहीं, उत्तराखंड राज्य आंदोलन के समय भी वे 5 दिन तक जेल में बंद रहे. इन अनुभवों ने उन्हें संगठन में एक मजबूत पहचान दिलाई.
उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर लगातार दूसरी बार महेंद्र भट्ट की ताजपोशी तय हो गई है. महेंद्र भट्ट ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ पहुंचकर उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया.