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चुंंबकीय क्षेत्र

चुंंबकीय क्षेत्र

चुंंबकीय क्षेत्र

चुंबकीय क्षेत्र 

चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) एक वेक्टर फील्ड है जो गतिमान विद्युत आवेशों, विद्युत धाराओं, और चुंबकीय सामग्री पर चुंबकीय प्रभाव को बताता है. एक चुंबकीय क्षेत्र में एक गतिमान आवेश अपने स्वयं के वेग और चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत बल का अनुभव करता है. एक स्थायी चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र लोहे जैसे चुंबकीय पदार्थों को खींचता है, और बाकी के चुम्बकों को खींचता या धकेलता है (Force Between Magnets). चुंबकीय क्षेत्र चुंबकीय सामग्री को घेरते हैं, और विद्युत धाराओं से निर्मित होते हैं, विद्युत चुम्बकों में इसका उपयोग किया जाता है. विद्युत क्षेत्र समय के साथ बदलते रहते हैं. चूंकि चुंबकीय क्षेत्र की ताकत और दिशा, दोनों स्थान के साथ अलग हो सकते हैं, इसे गणितीय रूप से एक फंक्शन द्वारा बताया जाता है जो अंतरिक्ष के प्रत्येक बिंदु पर एक वेक्टर तैयार करता है, जिसे वेक्टर फील्ड कहा जाता है (Magnetic field Description).

आधुनिक तकनीक में, खासकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोमैकेनिक्स में, चुंबकीय क्षेत्रों का उपयोग किया जाता है. विद्युत मोटर और जनरेटर दोनों में घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है. ट्रांसफॉर्मर जैसे विद्युत उपकरणों में चुंबकीय क्षेत्रों के मेल को चुंबकीय सर्किट कहा जाता है (Magnetic Circuit). चुंबकीय बल हॉल इफेक्ट के माध्यम से किसी सामग्री के चार्ज कैरियर्स के बारे में जानकारी देते हैं. पृथ्वी अपने चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण स्वंय करती है, जो सौर हवा से पृथ्वी की ओजोन परत की रक्षा करती है और नेविगेशन में इसका महत्वपूर्ण योगदान है (Earth’s Magnetic Field).
 

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