पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित कृष्णगंज (Krishnaganj) एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है. यह क्षेत्र अपने शांत वातावरण, कृषि प्रधान जीवनशैली और धार्मिक महत्व के कारण जाना जाता है. कृष्णगंज विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा होने के साथ-साथ यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक होने की वजह से भी रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. कृष्णगंज से आसपास के कई प्रमुख शहर जुड़े हुए हैं. नादिया जिला मुख्यालय कृष्णनगर यहां का निकटतम महत्वपूर्ण शहर है, जो लगभग 20-25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके अलावा रानाघाट, बागदा, करीमपुर और हंसखाली भी पास के प्रमुख क्षेत्र हैं, जहां व्यापार, स्वास्थ्य सेवाएं और परिवहन की सुविधाएं अपेक्षाकृत अधिक विकसित हैं. राज्य की राजधानी कोलकाता भी यहां से लगभग 120-130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
कृष्णगंज की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. यहां के किसान धान, जूट, सब्जियां और अन्य फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं, जो स्थानीय और जिला स्तर पर बाजारों की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं. सिंचाई के लिए नजदीकी नदियां और तालाब किसानों के लिए मुख्य आधार हैं. ग्रामीण हस्तशिल्प और छोटे व्यावसायिक कार्य भी स्थानीय रोजगार का महत्वपूर्ण स्रोत हैं.
कृष्णगंज की आबादी लगभग 3 से 3.2 लाख के बीच मानी जाती है, जिसमें विभिन्न समुदाय निवास करते हैं. यहां बंगाली भाषा प्रमुख रूप से बोली जाती है, लेकिन हिंदी और उर्दू बोलने वाले लोग भी बड़ी संख्या में हैं. क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था मध्यम स्तर की है, और कई सरकारी तथा निजी स्कूल छात्रों को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध कराते हैं.