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ज्ञानी जैल सिंह

ज्ञानी जैल सिंह

ज्ञानी जैल सिंह

ज्ञानी जैल सिंह (Giani Zail Singh) भारतीय राजनीति के एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से उठकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद, राष्ट्रपति तक का सफर तय किया. 25 जुलाई 1982 को ज्ञानी जैल सिंह भारत के सातवें राष्ट्रपति बने. वे न केवल भारत के पहले सिख राष्ट्रपति बने, बल्कि एक कुशल संगठनकर्ता, प्रभावशाली वक्ता और जनसेवक के रूप में भी उन्होंने देश की राजनीति में गहरी छाप छोड़ी.

ज्ञानी जैल सिंह का जन्म 5 मई 1916 को पंजाब के फरीदकोट जिले के संधवान गांव में हुआ था. उनका असली नाम जरनैल सिंह था, लेकिन धार्मिक शिक्षा और गुरबाणी में गहन रुचि के कारण उन्हें 'ज्ञानी' की उपाधि मिली, जो बाद में उनके नाम का हिस्सा बन गई. वे बचपन से ही धर्म और समाज सेवा के प्रति समर्पित थे.

जैल सिंह ने आजादी के संघर्ष में सक्रिय भाग लिया. उन्होंने 1947 के बाद शिरोमणि अकाली दल से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके कार्यक्षमता, संगठनात्मक कुशलता और जनसंपर्क की क्षमता के कारण उन्हें जल्दी ही प्रमुख पदों पर नियुक्त किया गया.

1972 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने राज्य में कई सामाजिक और औद्योगिक सुधार किए. इसके बाद इंदिरा गांधी सरकार में वे गृहमंत्री (1980-1982) बने. इस पद पर रहते हुए उन्होंने प्रशासनिक सख्ती और अनुशासन की मिसाल पेश की.

वे एक संवैधानिक पद पर रहते हुए भी सक्रिय राजनीतिक भूमिका निभाने को लेकर आलोचना के घेरे में भी आए, लेकिन उन्होंने हमेशा संविधान और लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करने की बात की.

उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984) और उसके बाद की घटनाएं, विशेषकर सिख विरोधी दंगे, उनके लिए बेहद पीड़ादायक रहीं. उन पर आरोप लगा कि वे उस समय अधिक मुखर नहीं हो पाए, लेकिन बाद में उन्होंने इस पर गहरा दुःख जताया और कई बार इसका खुलकर उल्लेख भी किया.

ज्ञानी जैल सिंह का जीवन समाजसेवा, धर्म और राजनीति का संगम था. उन्होंने सिख समुदाय को राष्ट्रीय राजनीतिक मुख्यधारा में गौरवपूर्ण स्थान दिलाया. उन्हें उनकी सहजता, विनम्रता और दृढ़ नीतियों के लिए याद किया जाता है.

25 दिसंबर 1994 को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई. उनके निधन को भारतीय राजनीति में एक युग का अंत माना गया.

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