केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त 2023 को लोकसभा में 3 नए बिल पेश किए. इसमें भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य बिल 2023 शामिल हैं. ये तीनों बिल इंडियन पीनल कोड 1860 (IPC), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (CrPC) और एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे. ये तीनों कानून अंग्रेजों के जमाने के हैं. नए कानूनों के लागू होने के बाद IPC में 533 धाराएं कम हो जाएंगी, 133 नई धाराएं जोड़ी जाएंगी. इसके अलावा 9 धारा को बदल दिया गया है. नए बिल में पहली बार आतंकवाद को परिभाषित किया गया है. साथ ही मॉब लिंचिंग, नाबालिगों पर यौन हमलों के लिए मृत्युदंड, रेप के लिए अधिकतम 20 साल की कैद और पहली बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है. गृहमंत्री अमित शाह ने इन बिलों को पेश करते हुए कहा कि पुराने कानूनों का फोकस ब्रिटिश प्रशासन को मजबूत बनाना और उसकी सुरक्षा करना था, इनके जरिए लोगों को न्याय नहीं, सजा दी जाती थी.