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अवंतीपोरा

अवंतीपोरा

अवंतीपोरा

अवंतीपोरा (Awantipora), जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है, जो झेलम नदी के किनारे बसा हुआ है. यह नगर 9वीं शताब्दी में उत्पल वंश के संस्थापक राजा अवंतीवर्मन द्वारा स्थापित किया गया था और उस समय यह कश्मीर की राजधानी भी रहा है.

राजा अवंतीवर्मन (855–883 ई.) ने अवंतीपोरा की स्थापना की और इसे अपनी राजधानी बनाया. उन्होंने यहां दो प्रमुख मंदिरों का निर्माण करवाया. अवंतीस्वामी मंदिर, भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है. अवंतीश्वर मंदिर, भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अवंतीस्वामी मंदिर से आकार में बड़ा है. ये दोनों मंदिर पत्थर की उत्कृष्ट नक्काशी और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं. हालांकि, 14वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणों के दौरान ये मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए और अब इनके केवल अवशेष ही शेष हैं .

अवंतीपोरा का प्राचीन नाम "विश्वसारा" था और यह कश्मीर में शैव और वैष्णव परंपराओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. यहां संस्कृत साहित्य और दर्शन का भी विकास हुआ. राजा अवंतीवर्मन के दरबार में प्रसिद्ध कवि आनंदवर्धन और रत्नाकर जैसे विद्वान उपस्थित थे.

आज अवंतीपोरा एक नगर पंचायत है, जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 12,647 है. यहां की साक्षरता दर 81.75% है, जो राज्य की औसत साक्षरता दर से अधिक है. धार्मिक दृष्टिकोण से, यहां मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक है, जबकि हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन समुदाय भी निवास करते हैं.

अवंतीपोरा न केवल कश्मीर के समृद्ध इतिहास का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. यह स्थान प्राचीन कला, धर्म और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक अनमोल धरोहर है.

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अवंतीपोरा न्यूज़

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