टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने टी20 वर्ल्ड कप अभियान से पहले बड़ी बात कही है. पंड्या का मानना है कि टी20 विश्व कप उनके करियर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि ‘लाइफ कोच और भाई ’ महेंद्र सिंह धोनी की गैर मौजूदगी में एक ‘फिनिशर’ के तौर पर सारा भार उनके कंधों पर होगा. ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो की क्रिकेट मंथली’ को दिए गए इंटरव्यू में पंड्या ने अपने जीवन की कई चुनौतियों और धोनी के साथ असाधारण तालमेल पर बात की.
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले धोनी के बिना भारत का यह पहला टी20 विश्व कप है. भारत को पहले मैच में 24 अक्टूबर को पाकिस्तान से खेलना है. धोनी को टूर्नामेंट के लिए टीम का मेंटर बनाया गया है.
खुद को समझने के लिए वह धोनी के पास जाते हैं...
28 साल के पंड्या ने कहा, ‘यह कैरियर की सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इस बार महेंद्र सिंह धोनी नहीं है. सब कुछ मेरे कंधों पर है. मैं इसी तरह से सोचता हूं क्योंकि इससे मेरे लिए चुनौती बढ़ जाती है. यह रोमांचक टूर्नामेंट होगा.’ धोनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालात अनुकूल नहीं होने पर, परेशानी में या खुद को समझने के लिए वह धोनी के पास जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘एमएस मुझे शुरू ही से समझते आए हैं. मैं कैसे काम करता हूं या मैं कैसा इंसान हूं. मुझे क्या पसंद नहीं है, सब कुछ.’ पंड्या ने बताया कि एक टीवी शो पर विवादास्पद टिप्पणी के बाद निलंबन पूरा करके जब वह 2019 में न्यूजीलैंड दौरे पर वापसी कर रहे थे तो धोनी ने उनसे बात की.
उन्होंने कहा, ‘शुरू में मेरे लिए कोई होटल रूम नहीं था. फिर मुझे फोन आया कि यहां आ जाओ. एमएस ने कहा कि वह बिस्तर पर नहीं सोते हैं. वह नीचे सोएंगे और मैं उनके बिस्तर पर. वह पहले व्यक्ति हैं जो हमेशा साथ थे. वह मुझे गहराई से जानते हैं. मैं उनके काफी करीब हूं. वही मुझे शांत रख सकते हैं.’
That awwdorable moment when papa @hardikpandya7 had a surprise visitor during his interview. 🎤😊👨👦🎥 #T20WorldCup pic.twitter.com/Yy8RcNPbPp
— BCCI (@BCCI) October 18, 2021
'महान क्रिकेटर के रूप में नहीं देखा, मेरे लिए वह भाई हैं’
उन्होंने कहा, ‘जब यह सब हुआ, उन्हें पता था कि मुझे सहयोग की जरूरत है. मुझे एक कंधा चाहिए था जो मेरे क्रिकेट करियर में उन्होंने मुझे कई बार दिया. मैंने उन्हें एमएस धोनी, एक महान क्रिकेटर के रूप में कभी नहीं देखा. मेरे लिए वह मेरे भाई हैं.’ पंड्या ने कहा कि कई बार वह अपने ही ख्यालों में उलझ जाते थे और धोनी ऐसे में उनकी मदद करते थे.
उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें फोन करके कहता था कि ये सोच रहा हूं , क्या चल रहा है बताओ. फिर वह बताते थे. मेरे लिए वह लाइफ कोच हैं. उनके साथ रहकर आप परिपक्व और विनम्र होना सीखते हैं.’
'करियर के शुरुआती दो साल में काफी भटकाव था'
पंड्या ने स्वीकार किया कि वह कभी परफेक्ट नहीं थे, लेकिन उनके परिवार ने सुनिश्चित किया कि उनके पैर हमेशा जमीन पर रहें. उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी कमियां स्वीकार करता हूं. करियर के शुरुआती दो साल में काफी भटकाव था, लेकिन हमारा परिवार एक-दूसरे के काफी करीब है. परिवार में एक चीज साफ है कि मैं गलत हूं तो गलत हूं. हर कोई अपनी राय देता है और अगर कोई भटकने लगता है तो उसके पैर जमीन पर रखने में परिवार मदद करता है.’
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पता है कि सभी की नजरें उन पर होती हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं सुर्खियों में रहना नहीं चाहता, लेकिन ऐसा हो जाता है. जब मैं मैदान पर जाता हूं तो सभी की नजरें मुझ पर होती हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि मैं फॉर्म में रहा तो अपने दम पर मैच जिता सकता हूं.’