पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार कृषि विधेयकों के खिलाफ कोर्ट जाएगी. उन्होंने कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के हितों की रक्षा के लिए आखिरी दम तक लड़ाई लड़ेंगे. राज्य सरकार कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बनते ही अदालत का दरवाजा खटखटाएगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि किसान विरोधी कृषि विधेयकों के मुद्दे पर उनकी सरकार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिरोमणि अकाली दल समेत केंद्र में शामिल सहयोगी पार्टियों को अदालत ले जाएगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार के नए असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल समेत केंद्र में शामिल सहयोगी पार्टियों को अदालत ले जाएगी.
Punjab CM Captain Amarinder Singh has said his government will take BJP & its allies, including the Akalis, to court over the new unconstitutional, undemocratic and anti-farmer laws of the central government: State government pic.twitter.com/iOGBa3EHcK
— ANI (@ANI) September 20, 2020
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के इन बिलों को मंजूर किए जाने के साथ ही उनकी सरकार अदालत जाएगी. उन्होंने अपयार्प्त सदस्यों की उपस्थिति में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बावजूद संसद में ध्वनिमत से कृषि बिलों के पारित कराने पर सवाल उठाया. सीएम ने सवाल उठाया कि इस पर मतविभाजन क्यों नहीं किया गया जबकि एनडीए में ही इस मामले पर मतभेद हैं.
इस बीच, बता दें कि राज्यसभा में रविवार को कृषि बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों के हंगामे पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने हंगामा करने वाले आठ सांसदों को बचे हुए सत्र के लिए निलंबित कर दिया है. घटना से आहत सभापति ने विपक्षी दलों के 8 सांसदों को निलंबति कर दिया. निलंबित होने वाले सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, रिपुन बोरा, सैयद नजीर हुसैन, केके रागेश, ए करीम, राजीव साटव, डोला सेन शामिल हैं. बता दें कि रविवार को तीन में से दो कृषि बिलों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.