महाराष्ट्र में नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक करने से इस दर्दनाक हादसे में 22 मरीजों की मौत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने हादसे पर दुख जताया तो वहीं राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासिक हादसे पर ट्वीट करते हुए कहा कि नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक रिसाव की वजह से हादसा दिल दहला देने वाला है. उससे होने वाले जानमाल के नुकसान से दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना.
The tragedy at a hospital in Nashik because of oxygen tank leakage is heart-wrenching. Anguished by the loss of lives due to it. Condolences to the bereaved families in this sad hour.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2021
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन लीक होने से हुई दुर्घटना का समाचार सुन व्यथित हूं. इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी इस अपूरणीय क्षति पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. बाकी सभी मरीजों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं.
नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सिजन लीक होने से हुई दुर्घटना का समाचार सुन व्यथित हूँ। इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी इस अपूरणीय क्षति पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ। बाकी सभी मरीजों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) April 21, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हादसे पर दुख जताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में मरीजों की मौत की खबर बेहद दुखद है. पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. मैं राज्य सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं से हर संभव सहायता प्रदान करने की अपील करता हूं.
मृतक के परिजनों को 5-5 लाख
इस बीच हादसे के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये दिए जाने का ऐलान किया.
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि नासिक में हुई यह घटना न केवल हम सभी के लिए चौंकाने वाली है, बल्कि प्रशासन को भी सिखाती है कि इस पूरे संघर्ष में हमें बहुत सावधान रहना होगा. ऐसी स्थिति में मरीजों की जान बचाने के लिए उपलब्ध डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ दिन-रात काम कर रहे हैं. भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. प्रशासन को किसी भी घटना को रोकने के लिए बेहद सावधानी से काम करना चाहिए, इन घटनाओं से स्वास्थ्य प्रणाली का मनोबल गिर सकता है.
जाकिर हुसैन अस्पताल नासिक नगर निगम के तहत आने वाला अस्पताल है और यह कोविड-19 अस्पताल है. सुबह 10 बजे अस्पताल में 157 मरीज थे जिसमें 131 ऑक्सीजन पर थे और 15 वेंटिलेटर पर थे. इनमें से 63 मरीजों की हालत गंभीर थी. टायो निप्पन प्राइवेट लिमिटेड चाकन ने 31 मार्च को दोपहर 12.30 बजे 13,000 लीटर वाले टैंक को स्थापित किया था. आज हुई रिसाव को दोपहर करीब 1.30 बजे ठीक कर दिया गया, लेकिन रिसाव की वजह से 22 मरीजों की मौत हो गई.
महाराष्ट्र के मंत्री राजेश टोपे ने हादसे के बारे में कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. मैंने नासिक के म्युनिसिपल कमिश्नर से बात की है, जिन्होंने मुझे बताया है कि स्थिति अब नियंत्रण में है. मैं जल्द ही नासिक जाऊंगा. नासिक के संरक्षक और मंत्री छगन भुजबल पहले ही वहां जा चुके हैं."
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने इस घटना की विस्तृत जांच की मांग की है. वहीं, महाराष्ट्र के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने नासिक में हुई 22 लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने नासिक के जाकिर हुसैन हॉस्पिटल में हुए इस हादसे को प्रचंड आघातजनक और दुर्दैवी बताते हुए मृतकों के परिवारजनों के प्रति संवेदना जताई है. पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि ऑक्सीजन की रिफिलिंग करते हुए लीकेज की वजह से हुए इस हादसे की गहन जांच की जाए और मृतकों के परिवारजनों को तत्काल सहायता प्रदान की जाए.