लॉकडाउन के दौरान हम में से कई लोग ऐसे हैं जो वर्क फ्रॉम होम यानि घर से काम कर रहे हैं. ऑफिस का काम घर से करना वैसे तो काफी आसान है. इसके लिए आपके पास सिर्फ तीन चीज़ें होनी चाहिए - एक कंप्यूटर या लैपटॉप, एक स्मार्टफोन और एक स्थायी इंटरनेट कनेक्शन. अगर आपके पास ये तीनों साधन मौजूद हैं तो आप घर पर अपने लिए एक शानदार वर्किंग स्पेस बना सकते हैं.
घर पर एक अच्छा वर्किंग स्पेस होना ज़रूरी भी है क्यूंकि दुनिया धीरे-धीरे ऑफिस वर्किंग से रिमोट वर्किंग की तरफ बढ़ रही है. इस लॉकडाउन के दौरान आपने इतना तो समझ ही लिया होगा कि रिमोट वर्किंग से पैसे और समय की बचत तो होती ही है, साथ ही आप अपने परिवार के साथ भी काफी वक़्त बिता पाते हैं.
अपना रिमोट वर्किंग स्पेस सेट अप करने से पहले आपको कुछ ज़रूरी चीज़ों का ख्याल रखना होगा. इन में से सबसे ज़रूरी बात ये है कि आपका वर्किंग स्पेस आपके लिए कम्फ़र्टेबल होना चाहिए. चाहे आप अपने ऑफिस में हों या घर पर, अगर आपके काम करने की जगह आरामदेह नहीं है, तो आप चाह कर भी काम में अपना मन नहीं लगा पाएंगे.
यही नहीं, दिन भर एक असुविधाजनक वर्किंग स्पेस में काम करने से आपके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है.

क्या होता है एक कम्फ़र्टेबल वर्किंग स्पेस?
शोधकर्ताओं का मानना है कि एक वर्कस्टेशन का साफ़-सुथरा होना बेहद जरूरी है. आपके वर्किंग स्पेस के साफ़ रहने से ना सिर्फ आपकी कार्यक्षमता पर सकारात्मक असर पड़ेगा, बल्कि अपना काम आप और तेज़ी से कर पाएंगे. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है कि आपका लैपटॉप, कंप्यूटर या फ़ोन एक ऐसे एंगल पर रखा हो जिससे आपकी गर्दन या पीठ पर ज़्यादा ज़ोर ना पड़े. गलत एंगल पर रखे कंप्यूटर पर काम करने से गर्दन, पीठ और कन्धों में दर्द रहने की संभावना बढ़ जाती है. बहुत देर तक बैठे रहने से बचें. बीच-बीच में थोड़ी देर खड़े हो कर या टहल कर काम करने से चुस्ती भी बनी रहेगी और शरीर में अकड़न या दर्द भी नहीं होगा.
आँखों को आराम देना भी है ज़रूरी
आज कल कई स्मार्टफोन और मॉनिटर इतनी ज़्यादा नीली रौशनी पैदा करते हैं कि कुछ देर स्क्रीन को देखने से ही आँखों में भारीपन सा महसूस होने लगता है. दिन भर स्क्रीन के सामने बैठने से ना सिर्फ आपकी आँखों पर ख़ासा असर पड़ता है, बल्कि इससे आपकी प्राकृतिक नींद का पैटर्न भी गड़बड़ा जाता है. नींद की कमी आपकी एकाग्रता
और कार्यक्षमता पर काफी गलत असर डाल सकती है. साथ ही इस नीली रौशनी की वजह से आपको सरदर्द और आँखों में भारीपन जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
इन परेशानियों से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने वर्किंग स्पेस में ऐसे डिस्प्ले का इस्तेमाल करें जो कम से कम नीली रौशनी पैदा करता हो. कंप्यूटर खरीदते वक़्त ऑय (eye) कम्फर्ट और लो ब्लू लाइट सर्टिफिकेशन ज़रूर चेक करें. इसके अलावा हर घंटे 5-10 मिनट के लिए अपनी आँखों को आराम देना भी जरूरी है. इस दौरान अपने कंप्यूटर या फ़ोन के स्क्रीन को बिलकुल ना देखें. जब शाम होने लगे तब अपने स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम कर दें.

प्रोडक्ट सेफ्टी और गुणवत्ता के लिए टेक्निकल टेस्टिंग सर्विसेज प्रदान करने वाली मशहूर एजेंसी TÜV Rheinland ने लेनोवो को आल-इन-वन कम्प्यूटर्स के लिए दुनिया के पहले लो ब्लू लाइट सर्टिफिकेट से सम्मानित किया है. यही नहीं, लेनोवो के ThinkVision S28u-10 मॉनिटर eye-comfort सर्टिफाइड भी हैं. इनके एंटी-ग्लेयर पैनल और फ्लिकर-फ्री स्क्रीन आपकी आँखों पर ना के बराबर ज़ोर डालते हैं. नतीजन आप अपने काम पर ज़्यादा फोकस कर पाते हैं और आपकी प्रोडक्टिविटी भी बरक़रार रहती है.
वर्क-फ्रॉम-होम के दौरान ऐसे बढ़ाएं अपनी प्रोडक्टिविटी
रिमोट वर्किंग के दौरान अपनी उत्पादकता और अपने काम कि गुणवत्ता को बनाये रखना एक बड़ी चुनौती है. जॉन पेडी रिसर्च इंक द्वारा किये गए एक शोध में यह बात सामने आयी है कि एक से ज़्यादा मॉनिटर इस्तेमाल करने से आपकी प्रोडक्टिविटी 42% तक बढ़ जाती है. रिमोट वर्किंग के लिए एक जानदार लैपटॉप ज़रूरी है, लेकिन वहीँ अगर आप उस लैपटॉप में एक्सटर्नल माउस, कीबोर्ड और मॉनिटर जोड़ दें तो आप पहले से काफी तेज़ी और दक्षता के साथ काम कर सकेंगे.

विस्तृत रूप से काम करने वालों के लिए एक बड़ी स्क्रीन और ज़बरदस्त स्पेसिफिकेशन्स वाला एक्सटर्नल मॉनिटर बेहद ज़रूरी है. लेनोवो का ThinkVision P27u-10 ऐसा ही एक मॉनिटर है जिस पर आप आप कम से कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा काम कर पाएंगे. साथ ही आप ThinkBook silent mouse भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें से क्लिक की आवाज़ नहीं आती और आप बिना किसी डिस्ट्रैक्शन अपना काम कर पाते हैं.
आपके कंप्यूटर को भी है आराम की ज़रूरत
आपका कंप्यूटर भले ही कितना ही पावरफुल हो, लेकिन लम्बे समय तक लगातार चलने की वजह से कभी कभार उसका ओवरहीट हो जाना स्वाभाविक है. ऐसा होने पर सबसे पहले आप अपने कंप्यूटर पर चल रही उन सारी ऍप्लिकेशन्स को बंद कर दें जिनकी आपको ज़रूरत नहीं है. उसके बाद अपने CPU या लैपटॉप के कूलिंग वेंट पर से धूल साफ़ करें. आप फूँक कर इसे साफ़ कर सकते हैं या फिर कंप्रेस्ड एयर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपके रूम में AC लगा हुआ है तो कुछ देर के लिए उसे फुल स्पीड पर चला कर छोड़ दें. AC की ठंडी हवा ना सिर्फ आपके सिस्टम को ठंडा करेगी, बल्कि कूलिंग वेंट पर जमी हुई धूल को भी हटाने में मदद करेगी. अगर AC नहीं है तो आप अपने सिस्टम को कुछ देर के लिए घर से बाहर या बालकनी वगैरह में भी रख सकते हैं.

लेनोवो के बिज़नेस PC जैसे थिंकपैड्स, थिंकबुक्स और थिंकसेंटर्स मज़बूत और विश्वसनीय होने के साथ साथ ओवरहीटिंग से लड़ने में भी काफी सक्षम हैं. इंटेलीजेंट थरमल सोलूशन्स (ITS) के चलते लेनोवो के थिंकपैड लैपटॉप ठन्डे रहते हैं. साथ ही लेनोवो के थिंकसेंटर कम्प्यूटर्स में इंटेलीजेंट कूलिंग इंजन (ICE) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जिससे उनके अंदर की हीट आसानी से बाहर निकल जाती है.
अपने वाई-फाई कनेक्शन को ना करें नज़रअंदाज़
रिमोट वर्किंग के लिए एक तेज़ और स्टेबल वाई-फाई कनेक्शन होना बेहद ज़रूरी है. घर से काम शुरू करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपके पास ड्यूल-बैंड फ्रीक्वेंसी वाला मल्टी-कोर प्रोसेसर राऊटर है. ऐसा राऊटर आपको काफी तेज़ इंटरनेट स्पीड देता है और कई उपकरणों से कनेक्टेड होने के बावजूद आपका इंटरनेट स्थिर रहता है. रिमोट वर्किंग के दौरान आपको बड़ी फाइल्स डाउनलोड करना पड़ सकती हैं. अपनी टीम या क्लाइंट के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग भी करना पड़ सकती है. ऐसे में एक हाई-स्पीड इंटरनेट प्लान होना आवश्यक है. अगर ज़रूरत पड़े तो जल्द से जल्द अपना इंटरनेट कनेक्शन अपग्रेड करवा लें. साथ ही आपका राऊटर एक ऐसी जगह रखा होना चाहिए जहाँ से आपके हर डिवाइस को, और खासकर आपके वर्क कंप्यूटर को अच्छा कनेक्शन मिले.
एक अच्छे वाई-फाई कनेक्शन के लिए सिर्फ एक अच्छा राऊटर और हाई-स्पीड इंटरनेट ही काफी नहीं है. आपको एक अच्छा कंप्यूटर भी चाहिए होगा. लेनोवो थिंकपैड, थिंकबुक 13s और थिंकबुक 14 के डिज़ाइन और मटेरियल ऐसे हैं कि कई बाधाओं के बावजूद आपको ज़बरदस्त क्वालिटी के सिगनल्स मिलते हैं.

अगर दुनिया के साथ कदम से कदम मिला कर चलना है, तो एक पर्सनल रिमोट वर्किंग स्पेस होना ज़रूरी है. इसके बारे में समझें और जितना जल्दी हो सके अपने घर पर अपने लिए एक कम्फ़र्टेबल वर्किंग स्पेस बना लीजिये.