आज के डिजिटल दौर में ऑनलाइन शॉपिंग सिर्फ़ 'ऑर्डर प्लेस' करने तक सीमित नहीं है. असली सवाल यह होता है कि आपका प्रोडक्ट कितनी सुरक्षा और जिम्मेदारी के साथ आपके दरवाजे तक पहुंचाया जा रहा है. इस वीडियो में Flipkart की उसी भरोसेमंद और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन जर्नी की झलक दिखाई गई है.
एक प्रोडक्ट जब Flipkart के वेयरहाउस में पहुंचता है, तो सबसे पहले उसकी पूरी क्वालिटी चेकिंग होती है और ब्रैंड के सेफ्टी सील के ऊपर Flipkart की सेफ्टी सील लगाई जाती है. इसके बाद उसे बेहद सुरक्षित तरीके से स्टोर किया जाता है. खासतौर पर हाई-वैल्यूड प्रोडक्ट्स को 'High Valued Cage' में रखा जाता है. जहां सिर्फ़ चुनिंदा ट्रेंड स्टाफ को ही प्रवेश करने की अनुमति मिलती है.
ऑर्डर प्लेस होने के साथ ही सिस्टम में प्रोडक्ट की यूनिक आईडी एक्टिव हो जाती है. पिक-लिस्ट जनरेट होती है और एडवांस एल्गोरिद्म तय करते हैं कि पैकेज को किस रूट से और किस प्रोसेस के ज़रिए आगे बढ़ाना है. कन्वेयर बेल्ट, स्मार्ट सॉर्टिंग और स्ट्रॉन्ग पैकेजिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रोडक्ट पूरी तरह से सुरक्षित रहे.
डिलीवरी से पहले हर पैकेज को टैग और स्कैन किया जाता है, ताकि उसकी रियल-टाइम लोकेशन Flipkart और कस्टमर- दोनों के पास उपलब्ध रहे. इसके अलावा Flipkart यह भी सुनिश्चित करता है कि डिलीवरी तभी हो, जब कस्टमर उपलब्ध हो, ताकि पैकेज जब कस्टमर चाहे तब उनके पास सही सलामत पहुंचे.
Flipkart अपने कस्टमर्स को Open Box Delivery की भी सुविधा देता है, जिसमें कस्टमर डिलीवरी के समय अपने सामने पैकेज खुलवाकर प्रोडक्ट की क्वालिटी को चेक कर सकता है. अगर ये प्रोडक्ट सही है तो कस्टमर OTP बताकर डिलीवरी कंप्लीट कर सकता है. वहीं अगर कस्टमर संतुष्ट नहीं है, तो रिटर्न और रिफंड की प्रक्रिया भी सहज और ट्रांसपेरेंट रखी गई है.
यह वीडियो सिर्फ़ एक पार्सल के सफर की कहानी नहीं है, बल्कि उस भरोसे की झलक है जो Flipkart की टीम, टेक्नोलॉजी द्वारा समर्थित सप्लाई चेन नेटवर्क से मिलकर हर दिन करोड़ों ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, सिर्फ़ एक क्लिक से, आपके घर तक.