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CITES ने दी भारत को राहत, Vantara पर लगे आरोपों को किया खारिज

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वंतारा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप “बेबुनियाद और तथ्यहीन” हैं

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • वंतारा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप “बेबुनियाद और तथ्यहीन” हैं
  • जानवरों को कानूनी तरीके से और गैर-व्यावसायिक उद्देश्य के लिए लाया गया
  • किसी भी तरह की स्मगलिंग, मनी लॉन्ड्रिंग या आर्थिक गड़बड़ी नहीं हुई

जामनगर (गुजरात) में स्थित वंतारा (Vantara) को लेकर लंबे समय से चल रही बहस पर अब विराम लग गया है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी संस्था CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) ने साफ कर दिया है कि भारत और वंतारा के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं है। उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई CITES की 20वीं बैठक में यह फैसला लिया गया।

यह फैसला न केवल भारत के पक्ष में है, बल्कि वंतारा को एक कानूनी, पारदर्शी और नैतिक वन्यजीव संरक्षण केंद्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी देता है।

CITES की जांच में क्या निकला सामने

सितंबर 2025 में CITES सचिवालय की एक टीम दो दिन के लिए वंतारा पहुंची थी। इस दौरान टीम ने वहां की एनक्लोज़र (जानवरों के रहने की जगह), वेटरनरी सिस्टम, मेडिकल रिकॉर्ड, बचाव और पुनर्वास (Rehabilitation) की व्यवस्था और सुरक्षा मानकों की बारीकी से जांच की।

30 सितंबर 2025 को सौंपी गई रिपोर्ट में वंतारा की जमकर तारीफ की गई। CITES ने माना कि:

  • वंतारा एक वर्ल्ड-क्लास संस्था है
  • यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतरीन वेटरनरी सुविधा मौजूद है
  • जानवरों की देखभाल पूरी तरह से वेलफेयर और संरक्षण के उद्देश्य से की जा रही है
  • यहां किसी भी तरह का कमर्शियल एनिमल ट्रेड नहीं होता

“बेबुनियाद हैं आरोप” – सुप्रीम कोर्ट की SIT की भी पुष्टि

CITES के अलावा, भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने भी वंतारा की जांच की थी। SIT ने कानूनी, आर्थिक, वेलफेयर और CITES नियमों से जुड़े हर पहलू को खंगाला।

लंबी जांच के बाद SIT ने भी साफ शब्दों में कहा कि:

  • वंतारा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप “बेबुनियाद और तथ्यहीन” हैं
  • जानवरों को कानूनी तरीके से और गैर-व्यावसायिक उद्देश्य के लिए लाया गया
  • किसी भी तरह की स्मगलिंग, मनी लॉन्ड्रिंग या आर्थिक गड़बड़ी नहीं हुई
  • वंतारा सेंट्रल जू अथॉरिटी के सभी नियमों का पालन करता है, बल्कि कई मामलों में उनसे भी बेहतर मानक अपनाता है
  • वंतारा को Global Humane Certified™ का दर्जा भी मिला है


भारत के लिए क्या है इसका मतलब

CITES में मिला यह समर्थन भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए भी अहम है। इससे यह साफ होता है कि भारत वैश्विक स्तर पर वन्यजीव संरक्षण के नियमों और मूल्यों का पूरी तरह से पालन कर रहा है।
साथ ही यह भी साबित हुआ है कि वंतारा कोई निजी शोपीस नहीं, बल्कि एक गंभीर, वैज्ञानिक और मानवीय दृष्टिकोण से चलाया जा रहा एक रेस्क्यू और कंजर्वेशन सेंटर है।

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निष्कर्ष: अब रिकॉर्ड साफ है

जब अफवाहें और भ्रम लोगों की सोच को प्रभावित करते हैं, तब ऐसे समय में यह रिपोर्ट सच्चाई को सामने लाती है। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय, दोनों ही स्तर पर वंतारा को क्लीन चिट मिल चुकी है।

एक बात अब साफ हो चुकी है - वंतारा कानून के दायरे में, पूरी पारदर्शिता और वैज्ञानिक तरीके से वन्यजीवों की रक्षा और सेवा का काम कर रहा है। और भारत एक बार फिर साबित करता है कि वह पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है।

 



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