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डिफेंस न्यूज

रेगिस्तान में जंग की तैयारी... भारत-पाक सीमा के पास जैसलमेर में एक्सरसाइज मरू ज्वाला

Exercise Maru Jwala
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दिल्ली धमाके के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट है. लेकिन सीमाओं पर भारतीय सेना और भी सतर्क हो गई है. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के जैसलमेर के रेगिस्तान में भारतीय सेना ने अपनी ताकत दिखाई. यहां ट्राई-सर्विसेज एक्सरसाइज त्रिशूल के तहत मरू ज्वाला नाम का बड़ा अभ्यास चल रहा है. Photos: PTI

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यह ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद हो रहा है. इंडिया टुडे की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हम आपको इस हाई-टेंपो ड्रिल की पूरी जानकारी दे रहे हैं. एक्सरसाइज त्रिशूल भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना का सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास है. इसका मकसद असली जंग जैसे हालात में तीनों सेनाओं की एकजुटता को परखना है. Photos: PTI

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मरू ज्वाला इसका आखिरी चरण है. यहां रेगिस्तान की कठिन जमीन पर टैंक, पैदल सेना के वाहन और हवाई जहाज एक साथ काम करते दिखे. यह अभ्यास भारत की जंग की तैयारी को मजबूत बनाता है. खासकर बॉर्डर पर तनाव के बीच यह बहुत जरूरी है. Photos: PTI

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जैसलमेर के गर्म रेगिस्तान में भारतीय सेना के मैकेनाइज्ड फोर्स ने कमाल दिखाया. टी-90 टैंक, बीएमपी-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहन और हवाई संसाधन रेगिस्तान की ऊबड़-खाबड़ जमीन पर बिना रुके आगे बढ़े. सब कुछ परफेक्ट तालमेल में था. अपाचे और रुद्रा हेलीकॉप्टर आसमान में उड़ते हुए हमले की प्रैक्टिस कर रहे थे. Photos: PTI

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एमआई-17 हेलीकॉप्टर सैनिकों को उतार रहे थे. साथ ही लॉयटरिंग म्यूनिशन और रोबोटिक म्यूल्स रेत पर दौड़ते नजर आए. ये रोबोटिक म्यूल्स भारी सामान ढोने के लिए इस्तेमाल होते हैं. यह ड्रिल जंग के असली हालात जैसी थी. सेना ने दिखाया कि कैसे टैंक और हवाई जहाज मिलकर दुश्मन पर हमला करेंगे. Photos: PTI

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टी-90 टैंकों पर चढ़कर सैनिकों ने रेगिस्तान में मैन्युवर (घुमाव) किया. यह नजारा देखकर लगता था कि सेना पूरी तरह तैयार है. एक्सरसाइज में नई-नई तकनीकें सामने आईं. टी-90 टैंक, बीएमपी-2 वाहन, अपाचे-रुद्रा हेलीकॉप्टर, ड्रोन और रोबोटिक सिस्टम ने सेना की टेक्नोलॉजी पर फोकस दिखाया. Photos: PTI

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यह सब इंटीग्रेटेड बैटलफील्ड ऑपरेशंस (एकजुट जंग की कार्रवाई) का हिस्सा था. सेना अब टेक्नोलॉजी से चलने वाली जंग पर जोर दे रही है. साउदर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने कहा कि मरू ज्वाला एक्सरसाइज में हाल ही में शामिल स्पेशलाइज्ड ड्रोन प्लाटून 'आश्नि प्लाटून' को दिखाया गया है. Photos: PTI

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इसमें कई तरह के ड्रोन हैं, जैसे एफपीवी कमिकेज ड्रोन और सर्विलांस ड्रोन. ये दुश्मन की निगरानी और हमले के लिए इस्तेमाल होते हैं. आश्नि ड्रोन प्लाटून की डेमो देखकर साफ पता चला कि ड्रोन अब जंग का अहम हथियार बन चुके हैं. ये छोटे-छोटे ड्रोन दुश्मन को चकमा देकर हमला करते हैं. Photos: PTI

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एक्सरसाइज में पैरा ट्रूप्स और स्पेशल फोर्सेस ने भी कमाल किया. उन्होंने कॉम्बैट फ्री फॉल की प्रैक्टिस की. वायुसेना के सी-295 सुपर हर्क्यूलिस और एएन-32 विमानों से पैरा ट्रूपर्स को सिमुलेटेड बैटलफील्ड पर ड्रॉप किया गया. ये स्पेशल फोर्सेस जंग के कठिन हालात में दुश्मन के पीछे घुसपैठ कर सकते हैं. Photos: PTI

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यह भारत की स्पेशल ऑपरेशंस क्षमता का सबूत है. थार रेगिस्तान के विशाल इलाके में मरू ज्वाला एक्सरसाइज ने भारत की जंग की तैयारी को फिर साबित किया. ड्रोन, लॉयटरिंग म्यूनिशन, आर्मर्ड मैन्युवर और स्पेशल फोर्सेस ड्रॉप-सब कुछ उभरते खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है. Photos: PTI

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तनाव ज्यादा है, लेकिन सेना की सतर्कता तेज है. तीनों सेनाओं का तालमेल, स्पीड और सटीकता बढ़ रही है. इससे देश की सीमाएं सुरक्षित रहेंगी. दिल्ली धमाके के बाद यह अभ्यास और भी अहम हो गया है. सेना ने संदेश दिया है कि कोई भी खतरा हो, भारत तैयार है. Photos: PTI

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