आज के रियल एस्टेट बाज़ार में घर सिर्फ ईंट और सीमेंट का ढांचा नहीं रहा, बल्कि यह एक स्टेटस सिंबल और जीवनशैली का प्रमाण बन चुका है. दरअसल इस बाज़ार में अब सिर्फ 'बड़ा घर' नहीं, बल्कि 'लाइफस्टाइल' बिकती है. 5 करोड़ से लेकर 500 करोड़ तक की रेंज वाले ये घर सिर्फ़ कीमतों में ही नहीं, बल्कि डिज़ाइन की बारीकियों, विशिष्ट सुविधाओं और उपलब्ध कराई जाने वाली प्राइवेसी के मामले में एक-दूसरे से पूरी तरह अलग होते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि प्रीमियम अपार्टमेंट और अल्ट्रा-लग्ज़री हवेली में क्या फर्क है, तो इसके लिए रियल एस्टेट के इन तीन खास सेगमेंट को को जानना जरूरी है.
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प्रीमियम सेगमेंट आमतौर पर 1 करोड़ से 5 करोड़ तक की कीमत वाले घरों को कवर करता है. इस सेगमेंट का फोकस उच्च क्वालिटी वाले निर्माण बेहतर लोकेशन और सभी आधुनिक सुविधाओं (जैसे जिम, पूल, क्लब हाउस) को किफायती दायरे में लाने पर होता है.
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इतना ही नहीं यहां रहने वाले लोग एक बेहतर जीवनशैली चाहते हैं, जो अच्छी कनेक्टिविटी और सुविधाओं से युक्त हो, लेकिन उन्हें अल्ट्रा-लग्ज़री की अत्यधिक विशिष्टता या असाधारण साज-सज्जा की ज़रूरत नहीं होती.
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यह सेगमेंट 5 करोड़ से 50 करोड़ तक की संपत्तियों का प्रतिनिधित्व करता है. लग्जरी घरों में अंतरराष्ट्रीय स्तर का डिज़ाइन निजी लिफ्ट (Private Elevators), पूरे घर का ऑटोमेशन और बेहतरीन फ़िनिशिंग देखी जाती है. यह सेगमेंट उच्च सेवा पर बहुत ज़ोर देता है. इस सेगमेंट के खरीदारों को न केवल शानदार सुविधाएं चाहिए, बल्कि उन्हें एक विशिष्ट अनुभव भी चाहिए. निजी सिनेमा और थीम वाले गार्डन जैसी सुविधाएं आम हो जाती हैं.
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अल्ट्रा-लग्ज़री सेगमेंट की शुरुआत आमतौर पर ₹50 करोड़ से होती है और यह ₹500 करोड़ तक जा सकता है. यह दुनिया के गिने-चुने अमीरों के लिए है. ये घर अक्सर पूरी तरह से कस्टमाइज्ड होते हैं. सुविधाओं में निजी गोल्फ सिमुलेटर, पूल के साथ स्पा, हेलीपैड और बुलेटप्रूफ़ कमरे शामिल हो सकते हैं.
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