अमेरिकी सेना ने कैरिबियन में ड्रग तस्करी के शक में एक जहाज पर हमला किया, जिसमें जहाज पर मौजूद तीन लोग मारे गए. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने बताया कि यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में किया गया. निशाना बना जहाज नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए जाना जाता था और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को भी इसके बारे में पता था.
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ की गई कार्रवाई की तरह है. अमेरिका यह कार्रवाई ड्रग तस्करी के खिलाफ जारी रखेगा, और इसके लिए वे नशीली दवाओं की आपूर्ति और तस्करी करने वालों का पूरा पता लगाएंगे, उनका पीछा करेंगे और उन्हें खत्म करेंगे.
सितंबर से अब तक, ट्रंप प्रशासन ने ड्रग तस्करी में शामिल जहाजों के खिलाफ कई हमले किए हैं, जिनसे कम से कम 65 लोग मारे गए. इनमें पहला हमला वेनेजुएला के एक जहाज पर था, जिसे ट्रंप ने 'आतंकवादी' कहा था.
इसके बाद अमेरिकी नौसेना और F-35 जेट्स को कैरिबियन क्षेत्र में तैनात किया. हाल ही में प्रशांत महासागर में भी दो जहाज नष्ट किए गए, जिससे अभियान का दायरा बढ़ा.
अमेरिकी हमलों पर आलोचना
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर ट्रक ने इन हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि मानव जीवन की हानि अस्वीकार्य है और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.
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अंतरराष्ट्रीय कानून पर उठे सवाल
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर सकती है. इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने इस बात के ठोस सबूत भी नहीं दिए हैं कि जिन जहाजों को निशाना बनाया गया वे आतंकवादी संगठन चला रहे थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति का क्या कहना है?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इस पूरे मामले पर कहना है कि ड्रग्स हमारे लोगों को मार रहे हैं. अब हमें कड़ा कदम उठाना ही होगा. हम अपने देश की सुरक्षा के लिए हर संभव तरीका अपनाएंगे.
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