भारत-पाकिस्तान के तनाव पर UNSC की क्लोज-डोर मीटिंग, शहबाज शरीफ ने चीफ गुटेरेस से की बात

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहन चर्चा करने के लिए एक क्लोज-डोर मीटिंग की. इसका मकसद दोनों देशों के बीच सांवेदनशील मुद्दों पर पारस्परिक समझ और शांति स्थापित करना था. महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इससे पहले संयम की अपील की और कहा कि सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है.

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भारत-पाकिस्तान के तनाव पर UNSC की मीटिंग भारत-पाकिस्तान के तनाव पर UNSC की मीटिंग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:06 AM IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर चर्चा करने के लिए एक क्लोज-डोर मीटिंग आयोजित की. इस मीटिंग में संभावित रूप से दोनों मुल्कों के तनाव को कम करने की दिशा में कदम उठाने पर चर्चा की गई. मीटिंग से पहले संगठन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत-पाकिस्तान से अधिक संयम बरतने की अपील की थी और कहा था कि "सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है."

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यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से फोन पर बात भी की. गुटेरेस से बातचीत में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर उकसावे का आरोप लगाया. शहबाज के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि यह बातचीत दोनों नेताओं के बीच एक सप्ताह में दूसरी बार हुई है.

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पहलगाम हमले पर पाकिस्तान ने भारत से मांगे सबूत

प्रधानमंत्री शरीफ ने गुटेरेस से बातचीत में पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के बचाव की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और पहलगाम हमले के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत को अभी भी कोई सबूत प्रस्तुत करना बाकी है. उन्होंने भारत पर उकसावे वाली बयानबाजी और युद्ध की चेतावनी देने का भी आरोप लगाया. हमले को लेकर उन्होंने स्वतंत्र, पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच की अपनी पेशकश भी दोहराई.

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भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर चैम्बर में नहीं हुई मीटिंग

यूएनएससी की क्लोज डोर मीटिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चैम्बर में नहीं, बल्कि उसके बाजू वाले एक ऑफिस में आयोजित की गई. यह एक शुरुआती मीटिंग थी, जिसमें मामले को करीब से जानने की कोशिश की गई. यूएन में पाकिस्तान के दूत ने तमाम पहलुओं को मीटिंग में रखा. इस मीटिंग के जरिए यूएन की दोनों मुल्कों के बीच तनाव को कम करने की कोशिश है.

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इस बैठक का आयोजन ऐसे समय में किया गया जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भी इस पर टिकी हैं. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने इस मुद्दे पर अपने विचार शेयर किए और इस तनाव को कम करने के तरीकों पर चर्चा की.

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