अफगानिस्तानः काबुल यूनिवर्सिटी में महिलाओं के क्लास करने पर रोक

अफगानिस्तान की काबुल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति ने महिलाओं के क्लास करने पर रोक लगा  दी है. तालिबान की ओर से नियुक्त कुलाधिपति ने कहा है कि वास्तविक इस्लामिक वातावरण तैयार होने तक महिलाएं यूनिवर्सिटी में क्लास अटेंड नहीं कर सकेंगी.

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छात्राओं के क्लास करने पर बैन छात्राओं के क्लास करने पर बैन

aajtak.in

  • काबुल,
  • 30 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST
  • कुलाधिपति मोहम्मद अशरफ गैरत ने ट्वीट कर कहा इस्लाम फर्स्ट
  • हाईस्कूल की छात्राओं को भी स्कूल जाने की इजाजत नहीं

तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तब बड़े-बड़े वादे किए थे. तालिबान ये संदेश देने की कोशिश में लगातार जुटा रहा कि वो पिछली बार जैसा नहीं है. महिलाओं को भी पढ़ाई-लिखाई की इजाजत दी जाएगी. महिलाओं के अधिकार की भी रक्षा की जाएगी. अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के करीब डेढ़ महीने तालिबान अपने रंग में आ गया है.

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अफगानिस्तान की काबुल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति ने महिलाओं के क्लास करने पर रोक लगा  दी है. तालिबान की ओर से नियुक्त कुलाधिपति ने कहा है कि वास्तविक इस्लामिक वातावरण तैयार होने तक महिलाएं यूनिवर्सिटी में क्लास अटेंड नहीं कर सकेंगी. पिछले हफ्ते काबुल यूनिवर्सिटी के कुलपति नियुक्त किए गए मोहम्मद अशरफ गैरत ने ट्वीट कर ये जानकारी दी.

गैरत ने ट्वीट कर कहा कि जब तक हर किसी के लिए वास्तविक इस्लामिक एनवायरनमेंट उपलब्ध नहीं करा दिया जाता, महिलाओं को विश्वविद्यालयों में आने की या काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. उन्होंने अपने ट्वीट में इस्लाम फर्स्ट भी लिखा. गौरतलब है कि गैरत को अभी पिछले हफ्ते ही तालिबान की सरकार ने काबुल यूनिवर्सिटी का कुलपति नियुक्त किया था.

गैरत को पहले से अकादमिक अनुभव नहीं है. उन्होंने खुद एक के बाद एक ट्वीट कर बताया है कि वे तालिबान कल्चरल कमीशन के सदस्य हैं और अल हिज्र इंस्टीट्यूट को तीन साल तक लीड किया है. इससे पहले हाल ही में हाईस्कूल तक के विद्यालयों में भी फिर से अध्ययन-अध्यापन शुरू हो गया है. हाईस्कूल में भी केवल लड़कों के लिए ही क्लास का संचालन हो रहा है. लड़कियों को अभी स्कूल लौटने का इंतजार है.

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बता दें कि तालिबान 1996 से 2001 तक के शासनकाल में भी महिलाओं के अधिकार कुचले गए थे. इसबार अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने कहा था वो पुराना तालिबान नहीं है. महिलाओं के अधिकार की रक्षा की जाएगी लेकिन करीब डेढ़ महीने की सरकार में ऐसा होता नहीं दिख रहा.

 

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