'इनका रंग और खान-पान...', ताइवानी मंत्री की भारतीयों पर टिप्पणी से बवाल! मांगनी पड़ी माफी

ताइवान की एक मंत्री ने भारतीयों पर नस्लभेदी टिप्पणी कर दी हैं. उन्होंने पूर्वोत्तर भारतीयों के रंग और खान-पान की आदतों पर टिप्पणी की जिस पर हंगामा खड़ा हो गया है. इसे देखते हुए मंत्री ने माफी मांगी है और ताइवान के विदेश मंत्रालय को भी माफीनामा जारी करना पड़ा है.

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ताइवान की श्रम मंत्री ताइवान की श्रम मंत्री

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

ताइवान के एक मंत्री ने भारतीयों पर नस्लभेदी टिप्पणी कर दी है जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. श्रम मंत्री सू मिंग-चुन ने भारतीय प्रवासी श्रमिकों के रंग और खान-पान की आदतों पर एक बयान दिया जिसे लेकर अब उन्हें माफी मांगनी पड़ी है.

ताइवानी मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'ताइवान पहले पूर्वोत्तर भारत के श्रमिकों की भर्ती पर ध्यान देगा क्योंकि वहां के लोगों की त्वचा का रंग और खान-पान की आदतें हमारे जैसी हैं.'

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ताइवान की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार, उन्होंने आगे कहा कि 'विदेश मंत्रालय के आकलन के अनुसार, इस क्षेत्र के लोग, जो कि ज्यादातर ईसाई हैं, मैन्यूफेक्चरिंग, निर्माण कार्यों और खेती में कुशल हैं.'

ताइवानी श्रम मंत्री के इंटरव्यू का यह हिस्सा वायरल हो रहा है जिस पर उनकी खूब आलोचना भी हो रही है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के विधायक चेन कुआन-टिंग ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो की 'कड़ी निंदा' की है. उन्होंने तर्क दिया कि प्रवासी श्रमिकों की भर्ती के लिए त्वचा का रंग और नस्ल भर्ती का पैमाना नहीं होना चाहिए.

ताइवानी मंत्री ने अपनी टिप्प्णी पर जताया खेद

विवाद बढ़ता देख मंत्री सू मिंग-चुन ने अपनी 'गलत' टिप्पणियों के लिए खेद व्यक्त किया है और कहा है कि ताइवान की श्रम नीतियों का लक्ष्य भेदभाव से रहित समानता का है. उन्होंने कहा कि ताइवान की श्रम नीतियां भारतीय और विदेशी श्रमिकों के लिए एक समान हैं.

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सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार, मंत्री ने किसी भी भेदभावपूर्ण उद्देश्य से खुद को अलग कर लिया और भारतीय श्रमिकों की क्षमताओं और प्रदर्शन को सामने लाने के अपने इरादे पर जोर दिया. 

उन्होंने भारतीय श्रमिकों पर टिप्पणी के लिए गलत शब्दों के चयन पर माफी मांगी और इस बात पर जोर दिया कि टिप्पणियों का उद्देश्य भेदभाव करना नहीं था.

ताइवान का विदेश मंत्रालय क्या बोला?

इस संबंध में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी माफी जारी की है. माफीनामे में मंत्रालय ने कहा है कि मंत्री का बयान 'पूरी तरह से उचित' नहीं था. बयान में कहा गया है कि ताइवान एक ऐसे नागरिक समाज का दावा करता है जो अलग-अलग विचारों को अपनाता है और सभी तरह के लोगों की बातों को सुनता है.

बयान में कहा गया, 'ताइवान भी भारत की विविध और समृद्ध संस्कृति का पूरा सम्मान करता है और ताइवान और भारत के लोगों के बीच दोस्ती को बचाए रखना चाहता है. ताइवान और भारत के बीच सहयोग और साझेदारी को और अधिक बढ़ाने, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को आगे बढ़ाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.'

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