रूस ने बनाया सैटेलाइट को तबाह करने वाला परमाणु हथियार? पुतिन ने किया खुलासा

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस ने दावा किया था कि उपग्रह को टारगेट करने के लिए रूस एंटी-सैटेलाइट कैपेबिलिटी से लैस 'परमाणु हथियार' विकसित कर रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस अमेरिकी दावों पर प्रतिक्रिया दी है.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी दावों को खारिज करते हुए कहा है कि रूस का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार स्थापित करने का कोई इरादा नहीं है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस ने दावा किया था कि उपग्रह को टारगेट करने के लिए रूस परमाणु हथियार विकसित कर रहा है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने रूस पर 1967 की आउटर स्पेस ट्रीटी का उल्लंघन का भी आरोप लगाया था. 

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समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कहा है कि रूस का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का कोई इरादा नहीं है. रूस ने केवल अमेरिका के बराबर अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित की हैं. 

पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस ने मीडिया रिपोर्ट्स की पुष्टि करते हुए कहा था कि रूस ने अंतरिक्ष में उपग्रहों को डिफ्यूज करने या नष्ट करने के लिए हथियार विकसित कर लिया है. रूस का यह हथियार परेशान करने वाला है.

रूसी राष्ट्रपति ने क्या कहा?

रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ एक बैठक के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ''हमारा स्टैंड बिल्कुल ही स्पष्ट है. हम हमेशा से अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती का खुल कर विरोध करते रहे हैं और रहेंगे. साथ ही हम सभी देशों से भी इस क्षेत्र (अंतरिक्ष) को लेकर हुए सभी समझौतों का पालन करने का आग्रह करते हैं. रूस ने केवल वही अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित की हैं जो अमेरिका या अन्य देशों के पास है. और वे भी इसे जानते हैं."

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वहीं, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा, "उपग्रहों को डिफ्यूज करने या नष्ट करने के लिए हमने अंतरिक्ष में ऐसा कोई परमाणु हथियार नहीं तैनात किया है. अंतरिक्ष में हमने ऐसा कोई हथियार नहीं स्थापित किया है जिससे कि उपग्रह सही से काम नहीं कर सके.''

सर्गेई शोइगु ने यह आरोप लगाया है कि व्हाइट हाउस रूस पर इस तरह के आरोप लगाकर अमेरिकी कांग्रेस को यूक्रेन की मदद करने के लिए मजबूर कर रहा है. इसके अलावा रूस को परमाणु हथियार नियंत्रण को लेकर बातचीत में फिर से शामिल कराने के लिए जोर दे रहा है. यूक्रेन से युद्ध के बीच अमेरिका से जारी तनातनी को लेकर रूस ने इस वार्ता से खुद को अलग कर लिया है.

पश्चिमी देशों का पैंतरा नहीं चलेगाः पुतिन

बैठक के दौरान पुतिन ने अमेरिका के साथ अगले कुछ दिनों में संभावित बातचीत से इनकार नहीं किया है. हालांकि, उन्होंने यह कहा कि यूक्रेन से जंग में रूस की हार के लिए अमेरिकी कोशिश फिलहाल अमेरिका से बातचीत को असंभव बना देती है. अमेरिका और पश्चिमी देश एक तरफ रूस की रणनीतिक हार का एलान कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ वे रणनीतिक स्थिरता पर बातचीत करना चाहते हैं. वे यह दिखावा करते हैं कि ये चीजें एक-दूसरे से जुड़ी हुई नहीं हैं. पश्चिमी देशों का यह पैंतरा काम नहीं करेगा."

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अमेरिका ने क्या दावा किया था?

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा था, "स्पेस बेस्ड रूसी हथियारों को लेकर मैं बहुत कम जानकारी साझा करूंगा. क्योंकि ये जानकारियां काफी स्पेसफिक हैं. हालांकि, मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि रूस जिस हथियार को विकसित कर रहा है, वह हथियार एंटी-सैटेलाइट केपेबलिटी से लैस है.

हालांकि, इसे अभी तैनात नहीं किया गया है. लेकिन रूस द्वारा इस तरह के विशेष हथियार की खोज परेशान करने वाली है. ये ऐसा हथियार नहीं है जिसका इस्तेमाल मनुष्यों पर हमला करने या पृथ्वी पर विनाश करने के लिए किया जा सकता है. लेकिन रूस की इस गतिविधि पर हम बारीकी से नजर रख रहे हैं और हम इसे बहुत गंभीरता से लेना जारी रखेंगे." 

क्या है आउटर स्पेस ट्रीटी?

यह संधि किसी भी तरह के परमाणु हथियार या अन्य खतरनाक हथियार की अंतरिक्ष में तैनाती पर रोक लगाती है. इस संधि पर दुनिया के 130 देश से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. रूस भी आउटर स्पेस ट्रीटी का हिस्सा है. आउटर स्पेस ट्रीटी ऑफ 1967 कहता है कि चंद्रमा या स्पेस के किसी भी हिस्से पर किसी व्यक्ति या देश का अधिकार नहीं है.

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