PM ट्रूडो ने कनाडा में लगाई इमर्जेंसी, लोगों ने दिलाई किसान आंदोलन की याद

Emergency In Canada: कनाडा में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने आपातकाल की घोषणा कर दी है. देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए ट्रूडो ने ये फैसला लिया है. कनाडा में आपातकाल लगाए जाने की खूब आलोचना हो रही है. भारत में भी लोग ट्रूडो को ट्रोल कर रहे हैं और उन्हें पाखंडी बता रहे हैं.

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प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कनाडा में आपातकाल लगा दिया है (Photo- Reuters) प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कनाडा में आपातकाल लगा दिया है (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST
  • कनाडा में ट्रक प्रदर्शन को देखते हुए लगा आपातकाल
  • ट्रूडो आए लोगों के निशाने पर
  • भारत के लोग भी ट्रूडो पर साध रहे निशाना

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की देश में आपातकाल लगाने को लेकर काफी आलोचना हो रही है. कनाडा के अलावा भारत में भी किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले ट्रूडो को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. कनाडा में कोविड वैक्सीन को अनिवार्य बनाए जाने और लॉकडाउन लगाए जाने को लेकर प्रदर्शन जारी है. पिछले तीन हफ्ते से ट्रकों और दूसरे वाहनों के साथ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ओटावा की सड़कों को बंद कर दिया है जिससे जन-जीवन ठप पड़ा है. सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों को रोकने के लिए जस्टिन ट्रूडो ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है.

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आपातकाल अधिनियम के तहत, ट्रूडो सरकार ने प्रदर्शनकारियों को मिलने वाले फंड में कटौती करने के लिए ये कदम उठाया है. हालांकि ट्रूडो ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे प्रदर्शनों को नहीं रोकेगी. साथ ही उन्होंने प्रदर्शन कर रहे ट्रक वालों पर गैर-कानूनी और खतरनाक गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया है.

कनाडा में ट्रक चलाने वालों को चेतावनी दी गई है कि अगर प्रदर्शन में उनके ट्रकों का इस्तेमाल हुआ तो उनके कॉरपोरेट अकाउंट फ्रीज कर दिए जाएंगे. कनाडा के वित्त मंत्री क्रिस्चिया फ्रीलैंड ने कहा, अवैध तरीके से चल रहे ब्लॉकेड को रोकने के लिए ये कदम उठाना जरूरी है. प्रदर्शन में ट्रक ले जाने पर इंश्योरेंस निलंबित कर दिया जाएगा. इन प्रदर्शनों से हमारी अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र और हमारी अंतरराष्ट्रीय साख को नुकसान पहुंच रहा है. हम ऐसा नहीं होने देंगे.

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पिछले 50 सालों में कनाडा में कोई आपातकाल नहीं लगाया गया है. इस आपातकाल को लेकर आलोचक ट्रूडो की कड़ी निंदा कर रहे हैं. भारत के किसान आंदोलन का ट्रूडो ने समर्थन किया था और कहा था कि उनकी सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के साथ खड़ी है. 

ट्रूडो ने कहा था, 'स्थिति चिंताजनक है. हम प्रदर्शन कर रहे किसानों के परिवारों और दोस्तों को लेकर चिंतित हैं. मैं बता दूं कि शांतपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा मौजूद रहेगा. हम अपनी चिंताओं को लेकर भारतीय अधिकरियों से बात कर रहे हैं. ये हम सभी के साथ आने का वक्त है.'

ट्रूडो ने भारत के आंदोलन का तो समर्थन किया लेकिन अब जब खुद उनके देश में प्रदर्शन हो रहे हैं तो ट्रूडो ने देश में आपातकाल लगा दिया है. इसे लेकर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक कार्टून शेयर किया जा रहा है जिसमें एक जगह ट्रूडो ट्रक पर बैठे किसान का समर्थन करते दिख रहे हैं वहीं एक दूसरी तस्वीर में एक ट्रक उनका पीछा कर रहा है जिस पर कर्मा लिखा है.

इस कार्टून को शेयर करते हुए रॉकी नाम के एक यूजर ने लिखा, 'सही कहा गया है कि आप जो दूसरों के साथ करते हैं, सूद समेत कर्म आपको वही वापस करता है.'

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भारत के पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल ने भी कनाडा में आपातकाल लगाए जाने को लेकर ट्रूडो की कड़ी निंदा की है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार पर ट्रूडो और अन्य पश्चिमी लोगों के लिए एक सबक है ये. किसानों के आंदोलन के समय भारत में लोकतंत्र और स्वतंत्रता के कम होने के बारे में बहुत कुछ कहा गया. ट्रूडो के नेतृत्व में पाखंडियों का झुंड है ये.'

ज्ञान जरा हटके नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, 'जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में कनाडा चीन बनता जा रहा है.'

रोजी नाम की एक यूजर ने ट्वीट किया, 'कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो... जब भारत में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे- 'मैं शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करता हूं' और जब कनाडा में प्रदर्शन हो रहे हैं- 'इसे अभी रोकना है.'

लालतेंदू मिश्रा नाम के एक यूजर ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें पुलिस एक शख्स को दबोचती नजर आई है. वीडियो शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, 'देखिए कैसे कनाडा के सैनिक प्रदर्शनकारियों से निपट रहे हैं. कल्पना कीजिए अगर यही फुटेज भारत का होता तो पश्चिम की मीडिया ने इसे कैसे दिखाया 
होता. ' 

कैनेडियन सिविल लिबर्टिज एसोसिएशन ने भी देश में आपातकाल लगाए जाने को गलत ठहराया है. एसोसिएशन ने कहा, 'सरकार ने आपातकालीन अधिनियम को लागू करने के मानकों को पूरा नहीं किया है. आपातकालीन अधिनियम का उद्देश्य 'संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता' के खतरों से निपटने के लिए होता है.' 

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