पाकिस्तान का यह शहर रहने लायक नहीं, दुनिया के 5 सबसे खराब शहरों में हुआ शामिल

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने कराची को रहने के लिहाज से दुनिया के पांच सबसे खराब शहरों में शामिल किया है. EIU की यह रिपोर्ट पाकिस्तान की उन दावों का पोल खोलता है जिसमें पाकिस्तान ने हमेशा कराची को आधुनिक सुविधाओं से लैस शहर बताया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-गेटी) प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-गेटी)

आदित्य के. राणा

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने हाल ही में रहने योग्य शहरों की एक लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में पाकिस्तान के कराची को दुनिया के उन पांच शहरों में शामिल किया गया है जो रहने योग्य शहरों की लिस्ट में सबसे नीचे मौजूद हैं. 

दरअसल, विदेशी मुद्रा संकट की वजह से पाकिस्तान जरूरत की कई चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है. स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि IMF से लोन मिलने के बावजूद पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है और हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. पाकिस्तान के कराची शहर में 1 किलो आटा खरीदने के लिए 160 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा महंगा आटा खरीदने को मजबूर हैं. 

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कराची में मिलने वाला ये महंगा आटा इस शहर की अकेली समस्या नहीं है. हालात इतने खराब हैं कि इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने रहने के लिहाज से इसे दुनिया के पांच सबसे खराब शहरों में शामिल किया है. EIU की यह रिपोर्ट पाकिस्तान की उन दावों का पोल खोलता है जिसे पाकिस्तान ने हमेशा कराची को आधुनिक सुविधाओं से लैस शहर बताया है. पाकिस्तान के बड़े शहरों में शुमार कराची की हालात यह बयां करती है कि देश के अन्य शहरों की हालात क्या होगी.

EIU की लिस्ट में कराची का नाम

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) के ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स 2023 में 173 शहरों को शामिल किया गया है. जिसमें पाकिस्तान के कराची शहर को 169वां स्थान मिला है. कराची के नीचे इस लिस्ट में लागोस को 170वें स्थान पर रखा गया है. वहीं, अल्जीयर्स 171वें और त्रिपोली 172वें नंबर पर है. सीरियाई शहर दमिश्क को 173वें यानी रहने के लिहाज से दुनिया का सबसे खराब शहर बताया गया है.

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EIU की लिस्ट में फिसड्डी रहा है कराची?

EIU की लिस्ट में कराची का रिकॉर्ड हमेशा से खराब रहा है. इससे पहले की लिस्ट की बात करें तो 2019 में कराची को 140 शहरों में से 136वां स्थान मिला था. जबकि 2020 और 2021 दोनों ही साल कोविड-19 से प्रभावित रहे थे और तब EIU ने इस तरह की कोई रिपोर्ट पब्लिश नहीं की थी. इसके बाद 2022 में भी कराची का प्रदर्शन बेहद खराब था और दुनिया के 140 शहरों में से इसे 134वां नंबर मिला था. 

किस तरह तय होती है शहरों की रैंकिंग? 

इस रिपोर्ट में शहरों को अलग अलग पैमानों पर 1 से लेकर 100 तक नंबर दिए जाते हैं. अगर किसी शहर को मात्र 1 नंबर मिलता है तो इसका मतलब हुआ कि यहां पर रहना लगभग नामुमकिन है. वहीं अगर 100 नंबर मिलते हैं तो इसके मायने हुए कि ये एक सपनों का शहर है जहां पर रहना किसी के लिए जिंदगी का सर्वोत्तम अनुभव हो सकता है. इस इंडेक्स में कराची को 37.5 फीसदी अंक दिए गए हैं और ये 173 देशों की लिस्ट में 169वें स्थान पर रहा. जिन मापदंडों पर कराची को नंबर मिले हैं उनमें स्थिरता में 20, मेडिकल सुविधाओं में 33, संस्कृति में 35, शिक्षा में 55 और इंफ्रास्ट्रक्चर में 51 नंबर मिले हैं. 

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पोस्ट कोविड हालातों पर EIU का फोकस

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट इकोनॉमिस्ट समूह का रिसर्च और एनालिसिस डिवीजन है. ये शोध और विश्लेषण के जरिए पूर्वानुमान और सलाहकार सेवाएं मुहैया करता है. EIU के इस इंडेक्स में दुनियाभर के शहरों में कोरोना महामारी के बाद सामान्य हो रहे हालातों पर फोकस किया गया है. इसमें स्थिरता, हेल्थ फैसिलिटीज, संस्कृति और पर्यावरण, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पांच बड़े आधार पर रहने योग्य जगह की हालत को बताया गया है.

 

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