लाहौर की एक आतंकवाद रोधी अदालत (ATC) ने सोशल मीडिया के जरिए बम बनाना सीखने के आरोप में पंजाब स्थित नारोवाल विश्वविद्यालय के छात्र को दो साल छह महीने की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने उस पर 50,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सजा पाने वाला छात्र हन्नान अब्दुल्ला है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ नारोवाल में ह्यूमन रिसोर्स स्टडीज़ का विद्यार्थी है. उसे 2022 में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह सोशल मीडिया पर बम बनाने की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा था.
FIA के अनुसार, हन्नान अब्दुल्ला फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से न सिर्फ बम बनाने की जानकारी इकट्ठा कर रहा था, बल्कि वह प्रतिबंधित आतंकी संगठनों और आतंकियों से भी संपर्क में था. उसने इंस्टाग्राम पर इराक में मौजूद एक यूज़र से बातचीत की थी. उस बातचीत में उसने अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर, अमोनियम पाउडर, चारकोल जैसे रसायनों से बम बनाने की जानकारी मांगी थी.
FIA के अनुसार, यह बातचीत अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI द्वारा मॉनिटर की जा रही थी. FBI ने पाकिस्तान की FIA को इस बातचीत की जानकारी, ईमेल आईडी और संबंधित अकाउंट के प्रमाण सौंपे. इसके बाद FIA ने हन्नान के खिलाफ मामला दर्ज किया. जांच में यह भी सामने आया कि हन्नान अब्दुल्ला यूट्यूब पर बम बनाने से संबंधित वीडियो देखता था और अमेरिकी ई-कॉमर्स साइट Amazon पर इन रसायनों की तलाश भी कर रहा था.
वहीं हन्नान अब्दुल्ला ने अदालत में अपनी सफाई में कहा कि उसने महज़ जिज्ञासावश यह जानकारी जुटाने की कोशिश की थी और उसका किसी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है. साथ ही, जांच में यह बात भी सामने आई कि उसने कभी वास्तव में कोई विस्फोटक सामग्री तैयार नहीं की.
हालांकि, अदालत ने सोशल मीडिया के जरिए संदिग्ध गतिविधियों और आतंकी संपर्क को गंभीर अपराध मानते हुए उसे दोषी ठहराया और दो साल छह महीने की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया. हन्नान 2023 से ज़मानत पर था, लेकिन अब सजा के बाद उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
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