इजरायल और हमास की जंग में गाजा के आम लोग भी बड़ी तादाद में जान गंवा रहे हैं. इजरायल की सेना गाजा में जो बमबारी कर रही है, उसमें अब तक गाजा के 2700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि अब लोगों की लाशें ढकने के लिए बॉडी बैग्स की कमी पड़ने लगी है. यह बात खुद संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कही है. एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि गाजा ढहने के कगार पर है.
संयुक्त राष्ट्र की राहत कार्य एजेंसी (UNRWA) के कमिश्नर-जनरल फिलिप लाजारिनी का कहना है कि गाजा पट्टी में बिजली और पानी की किल्लत भी तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा है कि गाजा का गला घोंटा जा रहा है. ऐसा लगता है कि दुनिया ने इस समय अपनी मानवता खो दी है. लाजारिनी ने कहा कि गाजा में पूरा का पूरा परिवार खत्म हो रहा है. उनकी टीम के लोग अब गाजा में राहत कार्य कर पाने में सक्षम नहीं हैं.
शेल्टर की चाहत रखने वालों की संख्या ज्यादा
कमिश्नर-जनरल ने कहा,'स्कूलों और यूएनआरडब्ल्यूए के दूसरे ठिकानों पर शेल्टर चाहने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. लेकिन उनकी पूर्ति करने के लिए क्षमता बिल्कुल कम. दरअसल, एक अभूतपूर्व मानवीय आपदा सामने है.' UNRWA ऑपरेशन गाजा पट्टी में संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा मिशन है. और यह अब पतन के कगार पर है.
गाजा के लोगों से दक्षिणी तरफ जाने के लिए कहा
बता दें कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला होने के बाद इजरायल अब हमास के आतंकियों को निशाना बना रहा है. जमीनी हमले से पहले इजरायली सैनिक गाजा के पास जमा हो गए हैं. इजराइल ने गाजा के उत्तर में रहने वाले 11 लाख फिलिस्तीनियों को जमीनी कार्रवाई से पहले दक्षिण की ओर जाने को कहा है.
एक शौचालय उपयोग कर रहे सैकड़ों लोग
UNRWA के स्कूलों और इमारतों की दुर्दशा के बारे में बताते हुए लाजारिनी ने कहा कि यहां साफ-सफाई की स्थिति बहुत ही भयावह है. लॉजिस्टिक्स बेस में सैकड़ों लोग एक ही शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं. जब तक गाजा में आपूर्ति शुरू नहीं होती, UNRWA और सहायता कर्मी राहत अभियान जारी नहीं रख पाएंगे.
जंग के बाद इजरायल ने रोकी सप्लाई
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (OCHA) ने कहा कि इजराइल ने 7 अक्टूबर को गाजा-पट्टी के लिए अपनी बिजली और ईंधन की आपूर्ति रोक दी थी. लगातार पांचवें दिन गाजा पूरी तरह से बिजली ब्लैकआउट की स्थिति में है. गाजा का एकमात्र बिजली संयंत्र बंद हो गया है. आवश्यक सेवा अवसंरचना वर्तमान में बैकअप जनरेटर के माध्यम से चालू है.
जनरेटर बंद होने पर जा सकती हैं कई जानें
OCHA ने कहा है कि अस्पतालों में ईंधन का भंडार 24 घंटे से अधिक समय तक रहने की उम्मीद नहीं है. बैकअप जनरेटर के बंद होने से हजारों मरीजों की जान तत्काल खतरे में पड़ जाएगी. रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) ने कहा कि गाजा में अस्पतालों के बिजली के बिना मुर्दाघर में बदलने का जोखिम है. बता दें कि 13 अक्टूबर तक गाजा में 20 UNRWA स्कूलों सहित कम से कम 144 शैक्षणिक सुविधाएं हवाई हमलों की चपेट में आ गई थीं.
पानी सप्लाई के लिए लगाया संयंत्र क्षतिग्रस्त
करीब 165 फिलिस्तीनी प्राधिकरण के स्कूल भी हमलों की चपेट में आए हैं, जिनमें से एक नष्ट हो गया. पानी और स्वच्छता सुविधाओं को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है. OCHA ने कहा कि 12 अक्टूबर तक कम से कम छह पानी के कुएं, तीन पानी पंपिंग स्टेशन, एक जलाशय और 1,100,000 से अधिक लोगों की पूर्ति के लिए लगाया गया संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया था.
मारे गए 2600 से ज्यादा फिलिस्तीनी
गाजा के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक अब तक वहां 2,670 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं, 9,600 से ज्यादा घायल हैं. इस बीच इजरायल की बात की जाए तो 1,400 से ज्यादा इजरायली इस जंग में मारे जा चुके हैं और 155 से ज्यादा इजरायली नागरिकों को हमास ने बंधक बना रखा है.
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