अब पाकिस्तान से आलू-प्याज खरीदने की तैयारी में बांग्लादेश, भारत से कर रहा किनारा

अब तक, बांग्लादेश के लिए भारत प्याज और आलू का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है, 2023-24 के वित्तीय वर्ष में प्याज का निर्यात लगभग 7.24 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष 6.71 लाख टन था और इसकी कीमत लगभग 145 मिलियन डॉलर थी.

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनुस. (फाइल फोटो) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनुस. (फाइल फोटो)

सुबोध कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST

पाकिस्तान से चीनी आयात करने की खबरों के बाद, बांग्लादेश अब आलू और प्याज की खरीद के लिए भी पाकिस्तान की ओर देख रहा है. यह फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जब भारत-बांग्लादेश के संबंध बुरे दौर में चल रहे हैं. बता दें कि इन चीजों की आपूर्ति के लिए भारत अबतक बांग्लादेश का सबसे बड़ा सप्लायर था.

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बांग्लादेश ट्रेड और टैरिफ कमीशन (BTTC) ने वैकल्पिक सप्लायर की पहचान की है और इस रिपोर्ट को वाणिज्य मंत्रालय के साथ साझा किया है. इसके बाद मंत्रालय ने आयातकों, कृषि मंत्रालय, राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) और अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठकें कीं. आने वाले दिनों में इसको लेकर चर्चा होनी है.

रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय के सचिव सेलिम उद्दीन ने कहा, 'BTTC ने आलू और प्याज की कीमतों और आपूर्ति को स्थिर रखने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की पहचान की है. हम आयातकों से इन विकल्पों पर विचार करने का आग्रह करेंगे.'

भारत से करता रहा है आयात...

बांग्लादेश पारंपरिक रूप से आलू के लिए भारत पर निर्भर रहता है, जबकि प्याज मुख्य रूप से भारत और म्यांमार से आयात किया जाता है, हालांकि पाकिस्तान, चीन और तुर्की से भी कुछ मात्रा में प्याज आयात होता है. भारत में बढ़ती कीमतों के कारण बांग्लादेश नए आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रहा है.

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यह भी पढ़ें: 'आप कब्जा करेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे', बांग्लादेश के मुद्दे पर बोलीं ममता बनर्जी

अब तक, बांग्लादेश के लिए भारत प्याज और आलू का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है, 2023-24 के वित्तीय वर्ष में प्याज का निर्यात लगभग 7.24 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष 6.71 लाख टन था और इसकी कीमत लगभग 145 मिलियन डॉलर थी. 

आलू के लिए, भारत ने 2022-23 में लगभग 3.5 लाख टन निर्यात किया था.भारत से बांग्लादेश की सीमाई नजदीकी और परिवहन मार्ग इस व्यापारिक रिश्ते को मजबूत बनाते हैं.

पाकिस्तान को सप्लायर के रूप में शामिल करने की कोशिश बांग्लादेश के लिए नए विकल्प की तलाश भर मात्र नहीं है. बल्कि इसके पीछे के राजनीतिक कारणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इन दिनों बांग्लादेश में भारत के सामानों के बहिष्कार की खबरें भी तेज हैं. ऐसे में ये कदम इस विरोध को देखते हुए भी हो सकता है.

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