यहां नसबंदी कराने के लिए क्यों अचानक लग गई पुरुषों में होड़?

अमेरिका में पुरुषों में नसबंदी कराने के इच्छुक लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसके पीछे गर्भपात कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का हाल ही में दिया गया फैसला बताया जा रहा है. इसके लिए पुरुष क्लीनिक और अन्य जरूरी जगहों से जानकारी जुटा रहे हैं.

Advertisement
नसबंदी नसबंदी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST
  • गर्भपात पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुरुष नसबंदी बढ़ रही
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हो रहा पुरजोर विरोध

अमेरिका में गर्भपात के कानून को पलटने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से देश में ऐसे पुरुषों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो नसबंदी कराना चाहते हैं.

नसबंदी कराने के इच्छुक पुरुषों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. इसके लिए क्लीनिक और अन्य जरूरी जगहों से जानकारी भी जुटाई जा रही है.

ओहायो के क्लीवलैंड क्लीनिक ने गुरुवार को बताया कि नसबंदी के लिए उनके पास आने वाली रिक्वेस्ट में तेज इजाफा हुआ है.

Advertisement

क्लीवलैंड क्लीनिक के प्रवक्ता ने बताया कि आमतौर पर नसबंदी के लिए उनके पास एक दिन में चार रिक्वेस्ट आती थीं लेकिन पिछले शुक्रवार से लेकर बुधवार तक उनके पास ऐसी 90 रिक्वेस्ट आ चुकी हैं.

ओहायो के ही यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स ऑफ क्लीवलैंड का कहना है कि गर्भपात पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से नसबंदी को लेकर पुरुष अधिक जानकारी जुटाने में लगे हैं.

फ्लोरिडा के नॉर्थ मियामी के एक यूरोलॉजिस्ट डॉ. डेविड रॉबिन्स का कहना है कि उनके पास नसबंदी के बेतहाशा फोन कॉल्स आ रहे हैं.

वहीं, कंसास सिटी के एक यूरोलॉजिस्ट डॉ. क्रिश्चियन हेटिंगर बताते हैं कि उनके ऑफिस में भी नसबंदी को लेकर लगातार फोन पर फोन आ रहे हैं. लोग नसबंदी की प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते हैं. 

हेटिंगर बताते हैं, शुक्रवार के बाद से नसबंदी कराने के इच्छुक लोगों की संख्या 900 फीसदी बढ़ी है.

Advertisement

बता दें कि ओहायो, टेक्सास, फ्लोरिडा और मिसूरी उन राज्यों में शामिल हैं, जहां गर्भपात को लेकर कड़े नियम हैं.

नसबंदी कराने का फैसला कर चुके 46 साल के जेराल्ड स्टीडमैन का कहना है कि नसबंदी के उनके फैसले में 'जो बनाम वेड मामले' ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. 

उन्होंने कहा, मैं शादीशुदा हूं. हमारे बच्चे भी हैं. मैं और बच्चों की योजना नहीं बना रहा हूं. मैं नहीं चाहता कि भविष्य में मेरी पत्नी कभी गर्भवती हो. गर्भावस्था में पुरुषों की भी उतनी ही भागीदारी होती है, जितनी महिलाओं की होती है.

उन्होंने कहा, मैं कुछ समय से इसके बारे में सोच रहा था और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने उस पर मुहर लगा दी. यह मेरे पत्नी और मेरी बेटी के लिए है.

ऐसे ही एक और शख्स हैं, न्यू ऑर्लिंस के रहने वाले पॉल राहफील्ड. उन्होंने भी इन्हीं कारणों से नसबंदी कराने का फैसला किया है. 

उनका कहना है कि अदालत के फैसले के बाद मैंने फैसला किया कि मुझे नसबंदी करा लेनी चाहिए और मैने यूरोलॉजिस्ट से बात करना शुरू कर दिया. 

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुझे लगा कि मेरी पत्नी की सुरक्षा को खतरा है. 

उन्होंने कहा, अगर अदालत ने इस फैसले को पलटा नहीं होता तो मुझे इस तरह नसबंदी के लिए भागादौड़ी नहीं करनी पड़ती. हमें बच्चे नहीं चाहिए. मेरी पत्नी ही मेरी जिंदगी है. इन कानूनों ने मेरी पत्नी की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है.

Advertisement

वहीं, लॉस एंजेलिस के सेंटर फॉर मेल रिप्रॉडक्टिव मेडिसिन एंड वेसेक्टोमी रिवर्सल के निदेशक डॉ. फिलिप वर्थमैन पुरुषों में नसबंदी को लेकर जल्दबाजी को लेकर चेताते हैं. 

उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह से जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए, इससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि पुरुष अपने स्वास्थ्य और रिप्रॉडक्टिव पसंद को लेकर जिम्मेदारी से काम ले रहे हैं लेकिन अगर आप किसी तरह की सर्जरी कराना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में बहुत सोचने की जरूरत है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement