बांग्लादेश की सेना में बड़ा फेरबदल, मेजर जनरल जियाउल अहसन को हटाया गया

बांग्लादेश में जारी संकट के बीच सेना में शीर्ष स्तर पर बड़ा फेरबदल किया गया है. मेजर जनरल जियाउल अहसन को हटा दिया गया है. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद सैफुल आलम का काम विदेश मंत्रालय सौंपा गया है.

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बांग्लादेश में हिंसा (फाइल फोटो) बांग्लादेश में हिंसा (फाइल फोटो)

अनुपम मिश्रा

  • कोलकाता,
  • 06 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST

बांग्लादेश में जारी संकट के बीच सेना के शीर्ष रैंक में फेरबदल किया गया है. मेजर जनरल जियाउल अहसन को हटा दिया गया है. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद सैफुल आलम का काम विदेश मंत्रालय सौंपा गया है.

लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद मोजिबुर रहमान को जीओसी सेना प्रशिक्षण और सिद्धांत कमान, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद तबरेज़ शम्स चौधरी को सेना के क्वार्टरमास्टर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल मिज़ानुर रहमान शमीम को सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है.

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सेना में बड़ा फेरबदल

लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक को कमांडेंट एनडीसी और मेजर जनरल एएसएम रिदवानुर रहमान को एनटीएमसी के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस डायरेक्टोरेट (आईएसपीआर) ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी.

मुश्किल समय में हुआ फेरबदल

सेना में बड़ा फेरबदल ऐसे वक्त में हुआ है जब देश मुश्किल वक्त से गुजर रहा है. बीते दिन ही बांग्लादेश सेना के प्रमुख ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया था. बीते दिन शेख हसीना के इस्तीफे के और देश छोड़ कर चले जाने के बाद आर्मी चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि आपकी मांगें हम पूरी करेंगे. तोड़ फोड़ से दूर रहिये. आप लोग हमारे साथ चलेंगे तो हम स्थिति बदल देंगे. मारपीट अराजकता संघर्ष से दूर रहिए. हमने आज सभी पार्टी नेताओं से बात की है.

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जानें क्यों भड़की हिंसा

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कई बार हिंसा भड़की थी. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए. पहले जब हिंसा भड़की थी तब कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था. लेकिन हिंसा नहीं थमी और अब प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं. अब तक 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अधिकारियों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया और कई वाहनों को जला दिया. सरकार ने मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया. 

इससे पहले जुलाई में भी स्टूडेंट प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा हुई थी. उस समय ढाका के मुंशीगंज जिले के एक पुलिसकर्मी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पूरा शहर युद्ध के मैदान में बदल गया. 

फिलहाल भारत में हैं शेख हसीना

इस बवाल के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और देश छोड़कर भारत आ गई हैं. वे अभी भारत में ही हैं. शेख हसीना को लेकर जानकार लोगों ने कहा कि हसीना ने भारत को अपने संभावित फैसलों के बारे में अवगत करा दिया है. यह भी सामने आया है कि शेख हसीना के परिवार के सदस्य फिनलैंड में भी हैं, इसीलिए उन्होंने उत्तरी यूरोपीय देश के लिए रवाना होने पर भी विचार किया है. 

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