खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद के बीच अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पब्लिश की है.
अखबार ने एक 90 सेकेंड के सीसीटीवी वीडियो और वहां मौजूद चश्मदीदों के हवाले से लिखा है कि निज्जर की हत्या में कम से कम छह लोग शामिल थे. हत्या में दो कारों का इस्तेमाल किया गया था. जिससे निज्जर की हत्या पहले आईं रिपोर्ट की तुलना में बेहद सुनियोजित ऑपरेशन का संकेत देती है.
जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सर्रे शहर में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. निज्जर को गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारी गई थी. बीते सप्ताह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है. ट्रूडो के आरोप के बाद से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद अपने चरम पर है.
दो कार में आए थे हमलावर
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि घटनास्थल पर मौजूद एक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से मामले में नई जानकारी सामने आई है. 90 सेकेंड की वीडियो क्लिप में निज्जर के ग्रे कलर की पिकअप के बगल में एक सफेद सेडान दिखाई देती है, जो पिकअप के साथ-साथ चलती है. निज्जर जैसे ही पार्किंग से बाहर निकलने के करीब पहुंचता है. सेडान उसके पिकअप का रास्ता ब्लॉक कर देती है. फिर हुड वाली स्वेटशर्ट पहने दो नकाबपोश हमलावर निज्जर के ट्रक के पास आते हैं.
एसएफजे के सदस्यों के हवाले से वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि हमलावरों ने निज्जर के ऊपर लगभग 50 गोलियां चलाईं. जिसमें से 34 गोलियां निज्जर को लगी हैं.
घटनास्थल के पास मौजूद भूपिंदरजीत सिंह ने बताया है कि घटनास्थल पर पहुंचने वाले वह पहले व्यक्ति थे. वहां जाकर उन्होंने देखा कि निज्जर की सांसें थम चुकी थीं. पिकअप में हर जगह खून और टूटा हुआ शीशा बिखरा हुआ था. इसके बाद उन्होंने अपने एक अन्य साथी गुरुमीत सिंह तूर के साथ हमलावरों का पीछा करने का भी प्रयास किया.
वहीं, ब्रिटिश कोलंबिया सिख गुरुद्वारा काउंसिल के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह का कहना है कि निज्जर की कार में पहले भी एक ट्रैकर लगा हुआ था, जो यह दर्शाता है कि निज्जर की हत्या टारगेटेड है.
सिख वेशभूषा में थे हमलावर
घटनास्थल पर मौजूद एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी और गुरुद्वारा समिति के सदस्य मलकीत सिंह उस वक्त फुटबॉल खेल रहे थे. उनका कहना है कि उन्होंने दो हुड पहने हुए लोगों को क्रीक पार्क की ओर भागते देखा. उन्होंने दोनों बंदूकधारियों का पीछा भी किया.
मलकीत सिंह के अनुसार, हमलावर सिख वेशभूषा में दिख रहे थे. उनके सिर पर एक छोटा पग भी था. साथ ही उन्होंने मुखौटा पहन रखा था. एक हमलावर पांच फीट से अधिक लंबा और मोटा शरीर वाला था. जबकि दूसरा उससे छोटे कद का और पतला था.
मलकीत सिंह ने आगे बताया कि निज्जर की हत्या करने के बाद दोनों हमलावर Cougar Creek Park के बाहर खड़ी सिल्वर कलर की 2008 टोयाटा कैमरी में बैठकर भाग निकले. यहां पहले से ही तीन व्यक्ति दोनों हमलावर का इंतजार कर रहे थे. मलकीत का कहना है कि दोनों में से एक हमलावर ने कार में बैठने से ठीक पहले उनके ऊपर अपनी पिस्तौल भी तान दी थी.
गुरुद्वारे के केयरटेकर चरणजीत सिंह का कहना है कि निज्जर की हत्या के बाद वो उसके बॉडी के पास ही थे. उसी दौरान एक व्यक्ति ने वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसे वो पहचानते भी नहीं थे. उसके कुछ मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर यह खबर आ चुकी थी कि निज्जर की हत्या हो गई है.
कैनेडियन पुलिस पर लापरवाही का आरोप
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम का कहना है कि पुलिस को गोलीबारी की रिपोर्ट उन्हें रात 8:27 बजे मिली.
वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने इस बात पर हैरानी जताई है कि इस क्षेत्र में स्थानीय पुलिस नियमित रूप से गश्त करती है. इसके बावजदू पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में लगभग 12 से 20 मिनट लग गए. इसके अलावा सर्रे पुलिस और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के बीच अधिकार क्षेत्र और जांच नेतृत्व को लेकर एक घंटे तक बहस हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के लगभग तीन महीने बाद अभी तक चार्जशीट नहीं दायर की गई है. ना ही संदिग्धों की पहचान के संबंध में कोई जानकारी दी गई है. निज्जर की हत्या में शामिल हमलावर जिस रास्ते से भागे थे, उसके आसपास के लोगों का कहना है कि पुलिस ने अभी तक उनसे संपर्क नहीं किया है.
ट्रूडो ने आरोप को दोहराया
बीते सप्ताह 19 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां कनाडा के नागरिक हरदीप निज्जर की हत्या और भारत सरकार के संभावित कनेक्शन के विश्वसनीय आरोपों की सक्रिय तौर पर जांच कर रही है.
भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्ता के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं. इन आरोपों का मकसद खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश है.
इन आरोपों को भारत की ओर से सिरे से खारिज करने के बावजूद ट्रूडो ने अमेरिकी शहर न्यूयार्क एक बार फिर भारत पर लगाए आरोप को दोहराते हुए कहा कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि इन आरोपों को हाउस ऑफ कॉमन्स के पटल पर लाने का निर्णय हल्के में नहीं लिया गया था. इसे बहुत ही गंभीरता से लिया गया था.
उन्होंने आगे कहा कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ है. मुझे लगता है कि एक निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली वाले देश के तौर पर यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम बेहद ईमानदारी के साथ काम करें. हालांकि, कनाडाई सरकार की ओर से ऐसे कोई भी साक्ष्य सार्वजनिक नहीं किए गए हैं कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है.
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