भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में बढ़ा भारत का कद, एंटी-करप्शन अलायंस GlobE में मिली जगह

भारत को ग्लोब ई नेटवर्क की 15 सदस्यीय संचालन समिति में शामिल किया गया है. दुनियाभर के देशों को अपराध से निपटने से संबंधित सहयोग के लिए इस संस्था को बनाया गया था, जिसकी स्थापना के लिए भारत ने भी अपना समर्थन दिया था.

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सीबीआई-ईडी को बनाया गया मेंबर अथॉरिटी सीबीआई-ईडी को बनाया गया मेंबर अथॉरिटी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी मंच ग्लोब ई नेटवर्क ने भारत को अपनी 15 सदस्यीय समिति में शामिल किया है. चीन के बीजिंग में इसको लेकर वोटिंग हो रही थी, जहां भारत को चुना गया. ग्लोब ई नेटवर्क में 121 सदस्य देश और 219 सदस्य अधिकारी हैं, और इसका मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना है. 

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस समिति में भारत का शामिल होना देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इसके साथ ही भारत भी अपनी स्पेशलिटी और अनुभव के आधार पर वैश्विक संस्थाओं में अपना सहयोग देगा. भारत 2020 के जी20 सम्मेलन में उन देशों में शामिल था, जिसने इस तरह की संस्था बनाने के प्रस्ताव को समर्थन दिया था.

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यूएनजीए के स्पेशल सेशन में बनाई गई थी संस्था

इस संस्था को आधिकारिक तौर पर जून 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक स्पेशल सेशन में लॉन्च किया गया था. इस मंच से दुनियाभर के देशों को आपराधिक खुफिया जानकारी और अपराध से निपटने में रणनीतिक सहयोग किया जाता है.

ग्लोब ई नेटवर्क में क्या होगी भारत की भूमिका?

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में बताया, "संचालन समिति के सदस्य के रूप में, भारत वैश्विक भ्रष्टाचार-विरोधी एजेंडा और संपत्ति की वसूली को आकार देने में एक अहम भूमिका निभाएगा."

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भारत की तरफ से गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी

भारत की तरफ से इस संस्था के साथ अपराध से संबंधित सहयोग स्थापित करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की होगी. मसलन गृह मंत्रालय को इस संस्था में भारत का सेंट्रल अथॉरिटी बनाया गया है और सीबीआई और ईडी इसकी मेंबर अथॉरिटी में शामिल होंगे.

इस नए कदम के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान देगा और इससे भारत की साख को भी मजबूती मिलेगी. 

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