पाकिस्तान के लाहौर और रावलपिंडी में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सड़कों पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इमरान खान की बहन नूरीन नियाजी ने पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर और मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
नूरीन नियाजी ने कहा, 'शहबाज शरीफ अपनी सीट हार चुके थे. उन्हें जिताने में आसिम मुनीर ने उनकी मदद की. पहले भी तानाशाह आए हैं, उनका अंजाम अच्छा नहीं रहा. ये लोग कितने दिन और जुल्म करेंगे?' इमरान खान के बेटे कासिम खान ने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट में चेतावनी देते हुए कहा कि 'पाकिस्तान सरकार ने मेरे पिता को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया है और परिवार को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है.'
'अगर मेरे पिता को नुकसान पहुंचा...'
कासिम ने कहा, 'मेरे पिता की गिरफ्तारी को आज 845 दिन हो चुके हैं. पिछले छह हफ्तों से उन्हें पूरी तरह एक ‘डेथ सेल’ में अकेले रखा गया है, जहां उनका किसी से कोई संपर्क नहीं है. उनकी बहनों को, साफ अदालत के आदेशों के बावजूद, उनसे मिलने से रोक दिया गया है. न कोई फोन कॉल, न कोई मुलाकात और न ही उनकी सेहत की कोई जानकारी दी जा रही है. मैं और मेरा भाई भी किसी भी तरह से अपने पिता से संपर्क नहीं कर पाए हैं.'
उन्होंने कहा, 'पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाना किसी भी सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा नहीं है. यह जानबूझकर की गई साजिश है, ताकि उनकी हालत को छिपाया जा सके और हमारे परिवार को यह तक न पता चल सके कि वे सुरक्षित हैं या नहीं. यह साफ तौर पर कहा जाना चाहिए कि इमरान खान की सुरक्षा और इस अमानवीय अलगाव के हर परिणाम की पूरी कानूनी, नैतिक और अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार और उसके संरक्षकों की होगी.'
कासिम ने कहा, 'मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और हर लोकतांत्रिक आवाज से अपील करता हूं कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें. मेरे पिता के जिंदा होने की पुष्टि कराई जाए, अदालत के आदेशों के अनुसार उनसे मिलने की अनुमति दी जाए, इस अमानवीय अलगाव को तुरंत खत्म किया जाए और पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय राजनीतिक नेता को रिहा किया जाए, जिन्हें सिर्फ राजनीतिक कारणों से जेल में रखा गया है.'
बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी
इमरान खान के समर्थन में उनकी पार्टी पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ता अदियाला जेल के बाहर देर रात धरने पर बैठे रहे. इसमें खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहैल अफरीदी और कई सांसद भी शामिल हुए. सोहैल अफरीदी ने चेतावनी दी कि अगर इमरान खान से मिलने की इजाजत नहीं दी गई और उनकी सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई, तो पूरे देश में बड़े पैमाने पर आंदोलन और सड़क पर प्रदर्शन किए जाएंगे. इस दौरान धरना स्थल पर नारे गूंजते रहे- 'आसिम सुन ले आजादी, शहबाज भी सुन ले आजादी, नवाज भी सुन ले आजादी, मरियम सुन ले आजादी.'
'इमरान खान के मानवाधिकारों का उल्लंघन'
वकील और पीटीआई नेता सलमान अकरम राजा ने दावा किया कि जेल नियमों और अदालत के आदेशों का खुला उल्लंघन करते हुए इमरान खान को पिछले एक महीने से पूरी तरह एकांत में रखा गया है. उन्होंने कहा कि न तो उनकी बहनों को मिलने दिया जा रहा है और न ही उनके वकीलों को. यह सीधे तौर पर इमरान खान के मानवाधिकारों का उल्लंघन है और पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था की कमजोरी को दिखाता है.
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