नेपाल: चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग चलाने की तैयारी, आचार संहिता उल्लंघन का आरोप

नेपाली कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों के सांसदों ने संसद सचिवालय में सीजे राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया है. प्रस्ताव में करीब 100 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं.

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नेपाल के मुख्य न्यायधीश के चोलेन्द्र शमशेर राणा (File Pic) नेपाल के मुख्य न्यायधीश के चोलेन्द्र शमशेर राणा (File Pic)

aajtak.in

  • काठमांडू,
  • 13 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST
  • 101 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर किया साइन
  • वकील और जज लंबे समय से कर रहे हैं चीफ जस्टिस के खिलाफ प्रदर्शन

नेपाल (Nepal) के चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा (Nepal CJ Cholendra Shumsher JB Rana) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया गया है. रविवार को नेपाल में सत्तारूढ गठबंधन में आबद्ध नेपाली कांग्रेस, माओवादी सहित अन्य दलों के करीब 100 से अधिक सांसदों चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोज दर्ज कराया. 

जिस चीफ जस्टिस के फैसले से नेपाल में गठबंधन की सरकार बनी थी और शेर बहादुर देउवा प्रधानमंत्री बने थे उसी गठबंधन दलों ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग दर्ज करा दिया है. 

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देश में अमेरिकी परियोजना एमसीसी को लेकर सत्तारूढ गठबंधन में टकराव की अवस्था आ गई थी और गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया था लेकिन रातों रात बदली हुई राजनीतिक घटनाक्रम में सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने संयुक्त रूप से महाभियोग दर्ज करा दिया है.

101 सांसदों ने किया हस्ताक्षर

सरकार के कानून मंत्री दिलेन्द्र बडु सहित सत्तारूढ नेपाली कांग्रेस की प्रमुख सचेतक पुष्पा भुषाल, माओवादी के प्रमुख सचेतक देव गुरूंग सहित 101 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया है. अब महाभियोग लगने के साथ ही चीफ जस्टिस राणा पद से स्वत निलम्बित हो गए हैं.

कानून मंत्री दिलेंद्र प्रसाद बडू के नेतृत्व में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक मुख्य न्यायाधीश राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लेकर रविवार सुबह संसद सचिवालय पहुंचे थे. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के एक विधायक देव गुरुंग ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘हमने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज किया है.’

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वकील और जज कर रहे हैं प्रदर्शन

नेपाल के मुख्य न्यायधीश के चोलेन्द्र शमशेर राणा के खिलाफ काफी लंबे समय से वकील और जज प्रदर्शन कर रहे हैं. 2021 में प्रदर्शन के दौरान वकीलों और जजों ने मुख्य न्यायधीश के चोलेन्द्र शमशेर राणा के कोर्ट में आने पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही थी. प्रदर्शनकारी वकीलों ने आरोप  लगाया था कि चीफ जस्टिस ने न्याय की गरिमा को ठेस पहुंचाया है और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है.

चीफ जस्टिस राणा पर आरोप है कि उन्होंने फैसला सुनाते हुए राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वार्थ को तरजीह दी. उन पर आर्म्ड पुलिस फोर्स के डीआईजी रंजन कोईराला की सजा को गलत तरीके से कम करने का आरोप है.

 

 

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