दुनिया का सुपरपावर अमेरिका हमेशा से भारतीयों के लिए एक सपना रहा है. भारतीय वहां जाकर काम करने और फिर वहीं बस जाने का सपना देखते हैं. हर साल हजारों की संख्या में भारतीय अमेरिका में वर्क वीजा (H-1B और L-1 वीजा) पर जाते हैं और वहां बसने का सपना देखते हैं. लेकिन अमेरिका के नए राष्ट्रपति के एक आदेश ने भारतीयों का यह सपना लगभग तोड़ दिया है.
वर्क वीजा पर अमेरिका में रह रहे और बच्चे को जन्म देकर वहां की नागरिकता हासिल करने का सपना देख रहे भारतीयों को ट्रंप के फैसले से बड़ा झटका लगा है क्योंकि ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता का अधिकार समाप्त कर दिया है.
20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किया, उनमें से एक जन्मजात नागरिकता को समाप्त करना भी था. अमेरिका में प्रवासियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए ट्रंप ने यह फैसला लिया है जिससे हजारों भारतीय प्रभावित हुए हैं. आदेश के मुताबिक, 19 फरवरी के बाद गैर अमेरिकियों से पैदा हुए बच्चों को अमेरिकी नागरिक नहीं माना जाएगा.
ट्रंप के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी गई जिसके बाद जज ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी. इस पर ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन जज के फैसले के खिलाफ अपील करेगा.
ट्रंप के फैसले से भारतीयों में मची अफरा-तफरी
अमेरिका के विदेश विभाग के अनुसार, अमेरिका जितना L-1 वर्क वीजा जारी करता है, उसमें सबसे अधिक वीजा भारतीयों को मिलता है. अमेरिका की तरफ से जारी कुल H-1B वीजा में से 72% भारतीयों के पास है.
L-1 और H-1B दोनों ही अस्थायी वर्क वीजा हैं जो विदेशियों को अमेरिका में अस्थायी रूप से रहकर काम करने की अनुमति देते हैं. वर्क वीजा पर अमेरिका में रह रहे विदेशियों में सबसे अधिक भारतीय हैं और ट्रंप के फैसले से उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.
इसे देखते हुए वर्क वीजा पर अमेरिका पहुंची जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं और वो अपनी प्रेग्नेंसी के सातवें या आठवें महीने में हैं, समय से पहले सी-सेक्शन के जरिए बच्चा डिलीवर कर रही हैं.
प्रेग्नेंट कपल चाहते हैं कि वो डेडलाइन से पहले बच्चे को जन्म दे दें ताकि उनके बच्चे को अमेरिकी नागरिकता मिल जाए और बच्चे के जरिए उनकी नागरिकता का रास्ता भी आसान हो जाए.
अमेरिकी कानून के अनुसार, अगर किसी का जन्म अमेरिका में होता है तो उसे जन्मजात नागरिकता मिलती है. हालांकि, इससे पैरेंट्स को नागरिकता नहीं मिल जाती, हां, उन्हें नागरिकता मिलने में आसानी जरूर हो जाती है. माता-पिता बच्चे के जरिए अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन ट्रंप के फैसले से 19 फरवरी के बाद प्रवासी माता-पिता से पैदा हुए बच्चों को अमेरिकी नागरिकता से वंचित रखा जाएगा.
19 फरवरी के बाद पैदा हुए बच्चे कहां के नागरिक होंगे?
ट्रंप के फैसले के बाद लोगों के मन में ये सवाल है कि अगर अमेरिका में पैदा हुए भारतीयों के बच्चे को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी तो उन्हें कहां का नागरिक माना जाएगा?
हमारे सहयोगी वेबसाइट इंडिया टूडे ने इस संबंध में यूनिवर्सल एडवाइजर माइग्रेशन सर्विसेज के सुल्तान अहमद से बात की.
उन्होंने कहा, 'मौजूदा अमेरिकी कानून के तहत, अमेरिका में पैदा हुए बच्चों को उनके माता-पिता की प्रवासन स्थिति को ध्यान में रखे बिना जन्मसिद्ध नागरिकता का अधिकार दिया जाता है. हालांकि, नए नियम के बाद ऐसा नहीं होगा. उन बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता नहीं मिलेगा जिनके पैरेंट्स एच-1बी, एच-4 या स्टूडेंट वीजा जैसे अस्थायी वीजा पर यहां हैं. बहुत कुछ बदल गया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसका मतलब है कि 19 फरवरी 2025 से अस्थायी वीजा पर रह रहे पैरेंट्स के बच्चों को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी. इसके बजाए नागरिकता हासिल करने के लिए उन्हें माता-पिता की स्थिति के जरिए या अन्य तरीकों से नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा.'
भारतीय माता-पिता से US में जन्मे बच्चों के लिए भारतीय नागरिकता की प्रक्रिया
प्रवासी विशेषज्ञ अहमद का कहना है कि अमेरिका में जन्मे इन बच्चों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करना आसान है.
वो कहते हैं, 'जहां तक भारतीय नागरिकता का सवाल है, भारतीय राष्ट्रीयता आमतौर पर माता-पिता की राष्ट्रीयता के आधार पर मिल जाती है. अगर माता-पिता दोनों भारतीय नागरिक हैं, तो उनका बच्चा भी भारतीय नागरिक माना जाएगा, भले ही उसका जन्म अमेरिका में हुआ हो (बशर्ते कि माता-पिता ने स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता का त्याग न किया हो या ऐसे कदम न उठाए हों जिससे उसकी नागरिकता छिन जाए). बच्चे को वंश के आधार पर भारतीय नागरिक माना जाएगा.'
लेकिन कुछ असाधारण मामलों में, माता-पिता को बच्चे की भारतीय नागरिकता के लिए संबंधित अधिकारियों के पास बच्चे के जन्म का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अमेरिका में 19 फरवरी से पहले पैदा हुए बच्चे की नागरिकता के लिए ऐसा करना पड़ेगा.
एक्सपर्ट अहमद कहते हैं, 'अगर बच्चा नए नियम में बदलाव से पहले पैदा हुआ है और जन्म से ही अमेरिकी नागरिक है, तो उसे भारतीय नागरिकता तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि माता-पिता इसके लिए आवेदन न करें, और बच्चे को भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए अमेरिकी नागरिकता त्यागनी होगी (क्योंकि भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है).'
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