रेडियोएक्टिव पदार्थ के साथ हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा चीनी जहाज, हड़कंप के बाद श्रीलंका ने लौटाया

चीन के एक जहाज में रेडियो एक्टिव पदार्थ यूरेनियम मिलने के बाद श्रीलंका ने उसे हंबनटोटा बंदरगाह को तुरंत छोड़ने की अपील की है. जिसके बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति हो गई है.

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चीन की मदद से ही बना था हंबनटोटो पोर्ट (फाइल फोटो: रॉयटर्स) चीन की मदद से ही बना था हंबनटोटो पोर्ट (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST
  • चीन और श्रीलंका में तनाव की स्थिति
  • रेडियोएक्टिव पदार्थ के साथ लंका पहुंचा चीनी जहाज

चीन के एक जहाज में रेडियो एक्टिव पदार्थ यूरेनियम मिलने के बाद श्रीलंका ने उसे हंबनटोटा बंदरगाह को तुरंत छोड़ने को कहा है. जिसके बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति हो गई है. ये जहाज चीन के लिए ही जा रहा था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कत होने के कारण हंबनटोटा बंदरगाह पर रुक रहा था लेकिन श्रीलंकाई अधिकारियों ने उसे ऐसा करने से इनकार किया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, श्रीलंका एटोनोमिक एनर्जी अथॉरिटी के अधिकारी अनिल रंजीत ने बताया है कि रोटरडैम बंदरगाह से ये जहाज चीन की ओर जा रहा था, लेकिन जब इसमें कुछ दिक्कत आई तो ये हंबनटोटा बंदरगाह की ओर आने लगा.

जब जहाज को बंदरगाह में प्रवेश दिलवाया जा रहा था, तब जहाज द्वारा अंदर मौजूद रेडियोएक्टिव पदार्थ के बारे में सटीक जानकारी नहीं दी गई. जानकारी के मुताबिक, इस जहाज को चीन की चाइना मर्चेंट पोर्ट होल्डिंग कंपनी मैनेज करती है. 

इस घटना के बाद श्रीलंका की संसद में भी हंगामा हुआ. श्रीलंकाई विपक्षी पार्टी के नेता सजीत प्रेमदासा ने संसद में कहा कि जब चीनी जहाज हंबनटोटा पोर्ट पर पहुंचा, तब श्रीलंकाई नेवी को उसकी जांच नहीं करने दी गई, जबकि पोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी नेवी के पास ही है. ना ही नेवी को जहाज में मौजूद रेडियोएक्टिव पदार्थ के बारे में बताया गया. 

गौरतलब है कि चीन और श्रीलंका के बीच पहले ही कोलंबो पोर्ट सिटी को लेकर बवाल चल रहा है. श्रीलंकाई सरकार ने चीन के साथ समझौता किया था, जिसके तहत कोलंबो पोर्ट सिटी को चीन को डेवलेप करना था. लेकिन श्रीलंका में इसका भारी विरोध हुआ, विपक्ष सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा. बाद में सरकार बैकफुट पर आई और उसे सफाई देनी पड़ी कि जमीन का पूरा कब्जा सरकार के पास ही रहेगा. 

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