चीन के जासूस की बकिंघम पैलेस में एंट्री, प्रिंस एंड्रयू की बर्थडे पार्टी में शामिल, खुलासे के बाद मची खलबली

चीन के इस कथित जासूस की पहचान उजागर नहीं हो पाई है लेकिन बताया जा रहा है कि यह कोई कारोबारी है, जिसे H6 के नाम से जाना जाता है. इससे पहले ड्यूक ऑफ यॉर्क प्रिंस एंड्रयू ने जारी बयान में कहा कि उन्होंने कथित जासूस के साथ अपने सभी संपर्क खत्म कर दिए हैं.

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प्रिंस एंड्रयू प्रिंस एंड्रयू

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:20 AM IST

ब्रिटेन की राजनीति में इस समय चीन के एक कथित जासूस का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. कहा जा रहा है कि चीन का यह जासूस किंग चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू के करीबी के तौर पर बकिंघम पैलेस में दाखिल हुआ था. इतना ही नहीं यह जासूस पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून और थेरेसा मे से मुलाकात भी कर चुका है.

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चीन के इस कथित जासूस की पहचान उजागर नहीं हो पाई है लेकिन बताया जा रहा है कि यह कोई कारोबारी है, जिसे H6 के नाम से जाना जाता है. इससे पहले ड्यूक ऑफ यॉर्क प्रिंस एंड्रयू ने जारी बयान में कहा कि उन्होंने कथित जासूस के साथ अपने सभी संपर्क खत्म कर दिए हैं.

ब्रिटेन की तत्कालीन गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने 2023 में पहली बार H6 के ब्रिटेन में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी. उस समय कहा गया था कि वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे से जुड़े हुए हैं. लेकिन इस फैसले के खिलाफ H6 ने कोर्ट का रुख किया और इसे अवैध बताया.

लंदन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान कहा कि H6 का कहना है कि उसने राजनीति में शामिल होना छोड़ दिया है. उसके प्रतिनिधियों ने ट्रिब्यूनल को बताया था कि वह कभी सीसीपी का वरिष्ठ सदस्य नहीं रहा. 

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बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में राष्ट्रीय सुरक्षा की वजह से H6 के ब्रिटेन में दाखिल होने पर पाबंदी लगा दी गई थी. विशेष इमिग्रेशन अपील्स कमिशन ने इस साल जुलाई में कहा था कि 2020 में  प्रिंस एंड्रयू की की बर्थडे पार्टी में इस शख्स को न्योता दिया गया था.

इस पूरे मामले पर प्रिंस एंड्रयू के ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ड्यूक आधिकारिक माध्यमों के जरिए उस शख्स से मिले थे और इस दौरान किसी भी तरह की गोपनीय बातें नहीं की गई और ना कि संवेदनशील मामलों पर चर्चा की गई. 

वहीं, कैमरून से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि डेविड कैमरून एक दशक तक कंजरवेटिव नेता रहे और छह सालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इस दौरान वह अलग-अलग कार्यक्रमों में हजारों लोगों से मिले थे. ऐसे में इस खास शख्स को लेकर कोई जानकारी नहीं है. इस बीच थेरेसा मे की प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस शख्स से मुलाकात को लेकर कुछ याद नहीं है.

उधर, लंदन में चीन के दूतावास ने जासूसी वाली थ्योरी को खारिज कर दिया है. चीन का कहना है कि इस पूरे एजेंडे का मकसद चीन की छवि को धूमिल करना है. साथ ही चीन और ब्रिटेन के सामान्य संबंधों को खराब करना है. 

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