बांग्लादेश में सियासी संकट खत्म! इस्तीफे की धमकी दे रहे युनूस अब पद पर बने रहने के लिए माने

बांग्लादेश में सियासी उठाकपट के बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने एक आपात बैठक बुलाई. इस बैठक में चुनाव, सुधार और न्याय जैसे तीन अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसी मीटिंग में फैसला हुआ है कि मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख के पद पर बने रहेंगे.

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मोहम्मद यूनुस (फोटो क्रेडिट - AP) मोहम्मद यूनुस (फोटो क्रेडिट - AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख और सलाहकार परिषद के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने हाल में एक आयोजित बैठक बुलाई, जिसमें देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति, भेदभाव और प्रशासन की चुनौतियों पर गंभीर चर्चा हुई. एडवाइजरी कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे.

एडवाइजरी कमेटी की तरफ से एक एक्स पोस्ट में बताया गया है कि यह बैठक राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के बाद शनिवार को राजधानी के शेर-ए-बांग्ला नगर में योजना आयोग की इमारत में आयोजित की गई. बैठक का आयोजन अचानक किया गया, जिसमें चुनाव, सुधार और न्याय जैसे तीन अहम विषयों पर चर्चा हुई.

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देश का सामान्य कामकाज बाधित हो रहा है- यूनुस

प्रोफेसर यूनुस ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश का सामान्य कामकाज बाधित हो रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से असंबद्ध मांगें, अवैध बयान और कार्यक्रम देश में संदेह और भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन परेशानियों के बावजूद सरकार अपने दायित्यों को पूरा कर रही है और इसे काटने वाली कोशिशों को अस्वीकार करती है.

बयान में कहा गया है कि सलाहकार परिषद ने देश की स्थिरता बनाए रखने, आगामी चुनावों, सुधारों और न्यायिक व्यवस्था को मजबूती देने के लिए सभी राजनीतिक दलों से एकजुटता की अपील की. उन्होंने चेतावनी दी कि देश में किसी भी तरह के तानाशाही के आगमन को स्थायी रूप से रोका जाना चाहिए.

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विदेशी साजिशों के प्रभाव का दावा

बयान के मुताबिक, अंतरिम सरकार इस समय देश की उम्मीदों को पर काम कर रही है, जो जुलाई के तख्तापलट के बाद बनी थी. सरकार राजनीतिक दलों के विचारों को सुनने के लिए तैयार है और स्थिति स्पष्ट करने में सतर्क है. अगर हारे हुए दलों या विदेशी साजिशों के प्रभाव के कारण सरकार को उसके काम को पूरा करने से रोका जाता है, तो शासन जनता के समक्ष पूरी स्थिति रखकर आगामी कदम उठाएगा.

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प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि सरकार निष्पक्ष चुनाव, न्यायिक प्रक्रियाओं और सुधारों को बाधित करने वाले किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी. अगर जरूरत पड़ी, तो जनता के समर्थन से मुश्किल फैसले लिए जाएंगे ताकि देश विकास और स्थिरता के मार्ग पर अग्रसर हो सके.

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