'हर साल 6000...', अमेरिका के लोग बड़ी तादाद में क्यों छोड़ रहे नागरिकता?

जहां लाखों लोग अमेरिकी नागरिकता लेने के लिए कोशिश कर रहे हैं, वहीं विदेश में रहने वाले कई देशवासी अमेरिकी नागरिकता छोड़ रहे हैं. 2025 के एक सर्वे से पता चलता है कि 49% प्रवासी त्याग पर विचार कर रहे हैं, और 51% राजनीतिक हताशा का हवाला दे रहे हैं.

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नागरिकता छोड़ने वाले कई नागरिक सियासी रुख से नाराज हैं. (File Photo: ITG) नागरिकता छोड़ने वाले कई नागरिक सियासी रुख से नाराज हैं. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

एक तरफ जहां दुनिया भर में लाखों लोग अमेरिकी नागरिक बनने का ख्वाब देखते हैं,  तो वहीं विदेशों में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों की बढ़ती तादाद सक्रिय रूप से अपनी नागरिकता छोड़ने का विकल्प चुन रही है, न केवल टैक्स या कानूनी कारणों से, बल्कि देश के सियासी रुख से निराशा की वजह से भी ऐसा हो रहा है. 

इमिग्रेशन लॉयर्स का कहना है कि राजनीतिक असंतोष, जो कभी ऐसे फैसलों में दुर्लभ था, अब एक प्रमुख कारक बन गया है. 2025 के एक सर्वे से पता चला है कि करीब आधे अमेरिकी प्रवासी नागरिकता त्यागने पर विचार कर रहे हैं, जिनमें से कई ने 6 जनवरी के कैपिटल दंगों, बंदूक हिंसा और मताधिकार के हनन का हवाला दिया है.

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द वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 5,000 से 6,000 अमेरिकी अपनी नागरिकता त्यागते हैं. ऐतिहासिक रूप से, ये फैसले भारी कर रिपोर्टिंग जरूरतों और अमेरिका के अनूठे कर कानूनों से जुड़ी तार्किक समस्याओं के कारण होते रहे हैं. लेकिन अब वकीलों और प्रवासियों का कहना है कि राजनीति (खासकर ध्रुवीकरणकारी नेतृत्व और पक्षपातपूर्ण संघर्ष) इसकी मुख्य वजह बन रहे हैं.

क्या कहते हैं नागरिक?

नाम न छापने की शर्त पर लंदन में रहने वाले एक अमेरिकी प्रवासी ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा चुने जाने की खबर मिलने के अगले दिन ही नागरिकता त्यागने की प्रक्रिया शुरू कर दी.

विदेश में रहने वाले अन्य अमेरिकी भी इसी भावना से सहमत हैं. राजनीतिक अतिवाद में बढ़ोतरी, मताधिकार पर खतरे, सामूहिक गोलीबारी और गहराते सांस्कृतिक विभाजन का हवाला देते हुए कई लोग कहते हैं कि अब वे उस देश को नहीं पहचानते, जिसे उन्होंने पीछे छोड़ दिया था. कुछ लोगों के लिए, 6 जनवरी का कैपिटल दंगा एक महत्वपूर्ण मोड़ था.

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अमेरिका उन गिने-चुने देशों में से एक है, जो अपने नागरिकों पर उनके निवास स्थान की परवाह किए बिना टैक्स लगाता है. इसका मतलब है कि विदेश में रहने वाले अमेरिकियों को सालाना टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा और संभावित दंड या दोहरे कराधान का सामना करना पड़ेगा. इन वित्तीय और नौकरशाही संबंधी परेशानियों ने लंबे समय से प्रवासियों को निराश किया है.

यह भी पढ़ें: क्या है एंटी-अमेरिकनिज्म, क्या इसका टैग हमेशा के लिए बंद कर देगा अमेरिकी नागरिकता के रास्ते?

कुछ विदेशी बैंक तो कड़े अमेरिकी रिपोर्टिंग कानूनों के कारण अमेरिकी ग्राहकों को लोन देने से भी मना कर देते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, वॉशिंगटन द्वारा लगाई गई कठोर रिपोर्टिंग जरूरतों से घबराकर, कुछ बैंक अमेरिकी नागरिकों को अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं देते या उनसे एक्स्ट्रा शुल्क वसूलते हैं.

नागरिकता छोड़ने वाले नए लोगों में करीब 3,000 सदस्यों वाले फेसबुक ग्रुप 'अमेरिकी नागरिकता छोड़े- क्यों और कैसे' जैसे ऑनलाइन मंचों के प्रतिभागी भी शामिल हैं. अमेरिकी राजनीति और नीतियों से नाखुशी को अपनी प्रेरणा का एक हिस्सा बता रहे हैं.

2025 के ग्रीनबैक सर्वे में पाया गया कि विदेशों में करीब आधे अमेरिकी नागरिक सिटिजनशिप छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं. इनमें से आधे से ज़्यादा राजनीतिक असंतोष का हवाला दे रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से 61% ने अपने कारणों में 'टैक्स' का हवाला दिया और 51 लोगों फीसदी ने 'अमेरिकी सरकार या राजनीतिक दिशा से असंतोष' को शामिल किया.

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कई लोगों के लिए यह कोई आसान विकल्प नहीं है. अमेरिकी नागरिकता छोड़ना महंगा सौदा है.

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