उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महा कुंभ के दौरान हुई भगदड़ में पश्चिम बंगाल के दो और श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. इसके साथ ही राज्य से मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है.
मालदा जिले के बैष्णवनगर के 28 वर्षीय अमेय साहा और पश्चिम बर्दवान जिले के जामुरिया के रहने वाले 35 साल के बिनोद रूइदास उन 30 श्रद्धालुओं में शामिल थे, जिनकी बुधवार को संगम क्षेत्र में हुई भगदड़ में मौत हो गई.
पहले दो महिलाओं की हुई थी मौत
इससे पहले गुरुवार को दो महिलाओं बसंती पोद्दार (कोलकाता, गोल्फ ग्रीन) और उर्मिला भुनिया (सालबोनी, पश्चिम मेदिनीपुर) की मौनी अमावस्या के दिन पवित्र स्नान के दौरान हुई भगदड़ में मौत हो गई थी. अमेय साहा के पिता ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि उनका बेटा, एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक था, भगदड़ में घायल हो गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के अस्पताल में उसे समय पर इलाज नहीं मिला.
उन्होंने दावा किया कि सही समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रशासन ने डेथ सर्टिफिकेट जारी किए बिना शव सौंप दिया, जिससे पोस्टमार्टम में देरी हुई.
बिनोद रूइदास के परिवार का आरोप
बिनोद रूइदास के भाई ने बताया कि बुधवार को पवित्र स्नान के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए भगदड़ में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. शुक्रवार सुबह उनका शव वापस लाया गया. उन्होंने भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सही तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया, जिससे परिवार को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
9 श्रद्धालु अब भी लापता, 60 घायल
परिजनों ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के 9 श्रद्धालु अभी भी लापता हैं. इस भगदड़ में 60 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं. प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, लेकिन मृतकों के परिजनों ने सुरक्षा इंतजामों और भीड़ नियंत्रण में लापरवाही का आरोप लगाया है.
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