पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुए फादर–सन मॉब लिंचिंग मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में सभी 13 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. यह घटना 12 अप्रैल को जाफराबाद गांव में हुई थी, जो Samsherganj Police Station के अंतर्गत आता है.
घटना में गांव के रहने वाले हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास की भीड़ द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. दोहरे हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया था. एसआईटी ने विस्तृत जांच के बाद 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला
आज अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें उम्रकैद की सजा दी. यह नया आपराधिक कानून लागू होने के बाद देश में बीएनएस की धारा 103(2) के तहत मॉब लिंचिंग से मौत के मामले में दूसरी सजा मानी जा रही है.
West Bengal Police ने इस फैसले को न्याय की दिशा में अहम कदम बताया है. पुलिस का कहना है कि वह साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी भी कोशिश के खिलाफ शुरू से ही सख्त रही है. अदालत का यह फैसला उन दावों और अफवाहों पर भी विराम लगाता है, जिनके जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी.
माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी
पुलिस ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी जांच के लिए एसआईटी, जंगीपुर पुलिस जिला और विशेष लोक अभियोजक बिवास चटर्जी के प्रयासों की सराहना की है. महज नौ महीने में दोषियों को सजा दिलाना कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.
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