पासपोर्ट मामले में बंगाल के DGP बोले- वेरिफिकेशन के लिए पुलिस जिम्मेदार नहीं

पासपोर्ट मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य पुलिस के डीजी ने राजीव कुमार ने जोर देते हुए कहा कि पुलिस पासपोर्ट एड्रेस के सत्यापन के लिए जिम्मेदार नहीं है, यह कार्य पासपोर्ट प्राधिकरण के अंतर्गत आता है. मौजूदा दिशा निर्देश भ्रामक हैं, जो कमियां पैदा करते हैं. जिनका फायदा धोखाधड़ी एक्टिविटी के लिए उठाया जा सकता है.

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बंगाल पुलिस के डीजी राजीव कुमार. (फाइल फोटो) बंगाल पुलिस के डीजी राजीव कुमार. (फाइल फोटो)

अनिर्बन सिन्हा रॉय

  • कोलकाता,
  • 29 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

पश्चिम बंगाल में फर्जी भारतीय पासपोर्ट रैकेट के खुलासे के बाद बंगाल में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. इस मामले में पुलिस पर पासपोर्ट वेरिफिकेशन में लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. इस मुद्दे पर बंगाल पुलिस के महानिदेशक का कहना है कि पुलिस पासपोर्ट एड्रेस के वेरिफिकेशन के लिए जिम्मेदार नहीं है. 

रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य पुलिस के महानिदेशक राजीव कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस पासपोर्ट एड्रेस के सत्यापन के लिए जिम्मेदार नहीं है, यह कार्य पासपोर्ट प्राधिकरण के अंतर्गत आता है. मौजूदा दिशा निर्देश भ्रामक हैं, जो कमियां पैदा करते हैं. जिनका फायदा धोखाधड़ी एक्टिविटी के लिए उठाया जा सकता है.

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'एड्रेस की पुष्टि में पुलिस की भूमिका नहीं'

कुमार ने कहा, "पुलिस जिम्मेदार नहीं है. पासपोर्ट के एड्रेस की पुष्टि करने में पुलिस की कोई भूमिका नहीं है. पासपोर्ट प्राधिकरण ने निर्देश दिए हैं. हमने कहा है कि इसे बदला जाना चाहिए."

क्या बोले ADG लॉ एंड ऑर्डर

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने डीजी राजीव कुमार की चिंताओं को दोहराते हुए कहा कि राज्य पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है कि किसी भी चरमपंथी को भारतीय पासपोर्ट न मिले. 

शमीम ने यह भी बताया कि पुलिस सीमा के पास वाले क्षेत्रों में एक निश्चित दूरी तक जा सकती है और हमारी टीम सभी एजेंसियों के साथ समन्वय में काम कर रही है.

पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी को भी पश्चिम बंगाल से फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके पासपोर्ट नहीं मिले. डीजी राजीव कुमार ने उग्रवाद से निपटने में राज्य पुलिस और कोलकाता पुलिस के अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड को सामने रखा और कहा कि वे राज्य के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं.

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इस सफलता का ताजा उदाहरण पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में कैनिंग से एक आतंकवादी की गिरफ्तारी है. आतंकवादी कश्मीर के प्रतिबंधित तहरीक-उल-मुजाहिदीन का सदस्य है.

पुलिस ने की BSF की आलोचना

राजीव कुमार ने बांग्लादेश से घुसपैठ की घटनाओं का हवाला देते हुए सीमा सुरक्षा में कमियों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की आलोचना की. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस घुसपैठियों को पकड़ने और उन्हें सही अधिकारियों के पास भेजने के लिए सक्रिय है.

डीजी ने उग्रवाद से निपटने में पश्चिम बंगाल पुलिस की सफलता का श्रेय लोगों के सहयोग को दिया जाता है. उन्होंने कहा, "हम उग्रवाद से लड़ने में सफल हैं क्योंकि हमें लोगों का सहयोग मिलता है. जैसे हम लोगों के लिए हैं, वैसे ही लोग हमारे लिए हैं."

आने वाले दिनों में पुलिस फर्जी पासपोर्ट बनाकर घुसपैठ रोकने के लिए पुलिस पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया की जांच को मजबूत करेगी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.

कैनिंग से एक आतंकी गिरफ्तार

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में कैनिंग से एक आतंकी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह कश्मीर के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन का सदस्य है. 

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राजीव ने कहा, "पश्चिम बंगाल पुलिस की एसटीएफ द्वारा दी गई जानकारी से कश्मीरी निवासी का पता चला. उसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था. आतंकवाद से निपटने में हमारा रिकॉर्ड पहले भी अच्छा था. अब भी अच्छा है. हम इसे बनाए रखने की कोशिश करेंगे."

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