राम, इस नाम के दो अक्षरों में मानों पूरा ब्रह्माण्ड समाया है. और अब जब अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है तो मानों पूरे ब्रह्माण्ड का जश्न मनाया जाना हो. राजा दशरत के बड़े पुत्र श्री राम ने अपने पिता के वचनों को पूरा कर पुत्र होने की मर्यादा निभाई. वनवास काल में जहां पड़े चरण वो बन गया तीर्थ स्थल! देखें वनवास काल में श्रीराम के सभी पवित्र स्थल.