योगी सरकार 1 सितंबर से पूरे प्रदेश में एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है.जिसका नेतृत्व हर जिले के जिलाधिकारी को करना होगा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. इस अभियान का नाम है- नो हेलमेट, नो फ्यूल.इसके तहत अगले 30 दिनों तक दोपहिया वाहन सवारों को पेट्रोल पंप पर तभी ईंधन मिलेगा, जब उनके सिर पर हेलमेट होगा.सरकार का कहना है कि यह कदम लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए उठाया जा रहा है.
जिलों में विशेष व्यवस्था
प्रदेश सरकार के निर्देश पर यह अभियान सभी 75 जिलों में चलाया जाएगा.हर जिले में इसका नेतृत्व जिलाधिकारी करेंगे.अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समिति (DRSC) को जिम्मेदारी दी गई है.इस दौरान पुलिस, जिला प्रशासन और परिवहन विभाग मिलकर प्रवर्तन की कार्रवाई करेंगे.अभियान का मकसद है कि आम नागरिक कानून के प्रति जिम्मेदारी दिखाएं और बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने की आदत से छुटकारा पाएं.
कानून का स्पष्ट प्रावधान
यह निर्णय पूरी तरह से कानून के अनुरूप है.मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 में दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया है.वहीं, धारा 194D उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान करती है.सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति ने भी राज्यों से कहा है कि हेलमेट अनुपालन को प्राथमिकता दी जाए.सरकार का कहना है कि इसी निर्देश को लागू करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है.
पेट्रोल पंप पर नियम
अभियान की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी पेट्रोल पंप हैं.तेल विपणन कंपनियों—IOCL, BPCL और HPCL—के साथ सभी पंप संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हेलमेट न पहनने वाले किसी भी बाइक सवार को पेट्रोल न दें.इसके लिए खाद्य एवं रसद विभाग को पंप स्तर पर निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है.अगर किसी पंप पर इस आदेश का उल्लंघन होता है, तो कार्रवाई की जाएगी.
जागरूकता और सहयोग
सरकार का कहना है कि यह केवल प्रवर्तन अभियान नहीं होगा, बल्कि जनजागरूकता अभियान भी चलेगा.सूचना एवं जनसंपर्क विभाग लोगों को लगातार संदेश देगा कि हेलमेट पहनना उनकी जिंदगी की सुरक्षा के लिए जरूरी है.
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि नो हेलमेट, नो फ्यूल का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि नागरिकों को सुरक्षित आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करना है.हेलमेट पहनना जीवन का सबसे सस्ता और आसान बीमा है.
पूर्व अनुभव और असर
परिवहन विभाग का कहना है कि जहां-जहां इस तरह का प्रयोग पहले किया गया है, वहां लोगों ने जल्दी ही हेलमेट लगाने की आदत डाल ली.ईंधन की बिक्री पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा.अधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे लोग अभियान की गंभीरता समझेंगे, वैसे-वैसे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी.
जनता से अपील
सरकार ने नागरिकों, पेट्रोल पंप संचालकों और सभी तेल कंपनियों से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें.अधिकारी मानते हैं कि प्रशासन, उद्योग और जनता मिलकर ही सड़क सुरक्षा के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं.
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