देश की सबसे लंबी रिवर क्रूज़ (River Cruise) यात्रा की शुरुआत 13 जनवरी से वाराणसी से होगी. वाराणसी से शुरू होकर यह यात्रा बांग्लादेश से गुजरते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगी. इस दौरान यह क्रूज यात्रा 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगी. यह सफर 50 दिन का होगा और इस दौरान क्रूज से 3200 किमी की दूरी तय की जाएगी. एक ही रिवर शिप द्वारा की जाने वाली यह सबसे लंबी यात्रा होगी. इस परियोजना ने भारत और बांग्लादेश को दुनिया के रिवर क्रूज़ नक्शे पर ला दिया है.
रिवर क्रूज यात्रा की शुरुआत से पहले काशी गंगा विलास क्रूज शिप 32 स्विस मेहमानों को लेकर कोलकाता से काशी पहुंचेगी. 22 दिसंबर को कोलकाता से रवाना हुई यह क्रूज शिप 10 जनवरी को वाराणसी पहुंचेगी. वाराणसी और मिर्जापुर मंडल की उप निदेशक पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा विलास क्रूज 10 जनवरी को वाराणसी सुबह 11.40 पर पहुंचेगी. यहां पहुंचने पर ये मेहमान वाराणसी के धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे. साथ ही स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी चखेंगे. इसके बाद, 13 जनवरी को आगे के यात्रा पर रवाना होंगे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 नवंबर को वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की इस रिवर यात्रा के टाइम टेबल का वाराणसी में विमोचन किया था. गंगा विलास क्रूज़ के निदेशक राज सिंह ने बताया कि 32 स्विस मेहमान काशी और चुनार का भ्रमण करने के बाद गंगा विलास क्रूज़ से देश की सबसे लंबी रिवर क्रूज़ यात्रा पर निकल जाएंगे.
क्रूज गंगा विलास भारत में निर्मित पहली रिवर शिप है जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक यात्रा कराएगी. यह यात्रा विश्व विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी. इसका रूट राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुजरेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं. यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज़ पर गीत संगीत ,सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की भी व्यवस्था होगी.
रोशन जायसवाल