यूपी पुलिस मंथन में CM योगी के सख्त निर्देश, बोले- अपराधियों में डर और जनता में भरोसा बढ़ाना मुख्य लक्ष्य

लखनऊ में ‘यूपी पुलिस मंथन’ कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था मजबूत करने के दिशा-निर्देश दिए. ग्राम चौकीदारों को बीट पुलिसिंग से जोड़ने, मिशन शक्ति के जरिए महिला सुरक्षा, थाना प्रबंधन सुधार और साइबर अपराध रोकथाम पर जोर दिया गया.

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यूपी पुूलिस मंथन कार्यक्रम में सीएम ने पुलिस सुधार पर बात की. (Photo: ITG) यूपी पुूलिस मंथन कार्यक्रम में सीएम ने पुलिस सुधार पर बात की. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:57 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में आयोजित 'यूपी पुलिस मंथन' के दौरान राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार करना और आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटना है. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "यूपी पुलिस आज अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास का प्रतीक बनी है. साढ़े आठ साल में यूपी पुलिस की छवि, संरचना और कार्यप्रणाली में ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ है."

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मुख्यमंत्री ने जमीनी स्तर पर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए ग्राम चौकीदारों को बीट पुलिसिंग से जोड़ने और मिशन शक्ति के जरिए महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने का आदेश दिया. 

थाना प्रबंधन में सुधार और साइबर ठगी रोकने के लिए जन-जागरूकता अभियानों पर विशेष बल दिया गया है, जिससे आम नागरिकों का पुलिस पर विश्वास बढ़े.

बीट पुलिसिंग और ग्राम सुरक्षा पर जोर

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए. ग्राम चौकीदार गांव की सामाजिक संरचना से परिचित होते हैं, इसलिए उनकी मदद से अपराध की रोकथाम और समय पर सूचना संकलन सुनिश्चित किया जा सकता है. 

बीट आरक्षियों और दारोगाओं को ग्रामीणों के साथ निरंतर संवाद और आपसी विश्वास का वातावरण निर्मित करने के लिए कहा गया है. इससे स्थानीय स्तर पर कानून-व्यवस्था का एक भरोसेमंद मॉडल स्थापित होगा और नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी.

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महिला सुरक्षा के लिए 'मिशन शक्ति' का मंत्र

महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु सीएम ने सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आंतरिक और बाहरी, दोनों स्तरों पर सुरक्षित वातावरण जरूरी है. सार्वजनिक स्थलों और बाजारों में एंटी रोमियो स्क्वॉड तथा महिला बीट पुलिस की सक्रियता बढ़ाई जाएगी. महिला पुलिसकर्मियों को आत्मविश्वास के साथ फील्ड में कार्य करने हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. टोल-फ्री सहायता नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महिलाओं को त्वरित सहायता और भरोसे का वातावरण प्रदान करना प्राथमिकता होगी.

थाना प्रबंधन और पुलिस व्यवहार में सुधार

थाना प्रबंधन को पुलिसिंग की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि थाना प्रभारियों की तैनाती केवल मेरिट के आधार पर की जाए. उन्होंने राजनीतिक हस्तक्षेप को न्यूनतम रखने और सुरक्षा व्यवस्था को स्टेटस सिंबल के रूप में न देने की बात कही. थानों के निर्माण और पुलिस बुनियादी ढांचे के लिए साफ-सुथरी पॉलिसी और जल्द फैसला लेने पर जोर दिया गया है. नियमित काउंसलिंग के जरिए पुलिस के व्यवहार को नागरिक-केंद्रित बनाया जाएगा. चेन स्नेचिंग और लूट जैसे दैनिक अपराधों पर त्वरित कार्रवाई से जनता में सकारात्मक धारणा विकसित की जाएगी.

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जेल सुधार और पुलिस परिवार का कल्याण

जेलों में बंद बुजुर्गों, बीमार लोगों और सजा पूरी कर चुके कैदियों की रिहाई के लिए मानवीय नजरिया अपनाने को कहा गया है. माफियाओं पर कड़ी निगरानी के लिए उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनिश्चित की जाएगी. कैदियों द्वारा बनाए गए प्रोडेक्ट्स को बाजार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. इसके अलावा, पुलिस परिवारों के बच्चों के लिए पुलिस लाइनों में कोचिंग और शैक्षिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. पुलिस ट्रेनिंग क्षमता को भी बढ़ाकर अब 60 हजार किया गया है, जिससे बल अधिक दक्ष और संवेदनशील बनेगा.

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