सपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संशोधित सूची जारी की, ब्राह्मण और ठाकुर समाज को भी मिली जगह

समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक हफ्ते बाद संशोधित सूची जारी की है. इस सूची में ब्राह्मण और ठाकुर समाज को भी जगह दी गई है. सपा ने पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह को राष्ट्रीय सचिव बनाकर बड़ी जिम्मेदारी है. सात दिन पहले समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की थी. इसमें कुल 62 लोगों को शामिल किया गया था.

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव. (फाइल फोटो) सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 05 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संशोधित सूची जारी की है. इसमें ब्राह्मणों और ठाकुर को भी जगह दी गई है. इसके साथ ही पिछले दिनों कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने से शायराना अंदाज में अपनी बात रखने वाले पूर्व मंत्री ओम प्रकाश को भी जिम्मेदारी दी है. सपा ने प्रदेश के कुछ अन्य बड़े नामों को भी कार्यकारिणी में स्थान दिया है.

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बता दें कि सात दिन पहले समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की थी. इसमें कुल 62 लोगों को शामिल किया गया था. हाल ही में सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. पार्टी ने आजम खान और हाल ही में रामचरितमानस पर बयान देकर विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य को भी कार्यकारिणी में शामिल किया था. शिवपाल को मैनपुरी में डिंपल यादव की बड़ी जीत हासिल कराने में साथ देने का तोहफा दिया गया है. हालांकि, इस सूची में ब्राह्मण और ठाकुर चेहरे गायब होने से सवाल उठने लगे थे.

ट्वीट कर चर्चा में आए थे ओम प्रकाश सिंह

अब समाजवादी पार्टी ने बड़े ब्राह्मण और क्षत्रिय चेहरों को भी कार्यकारिणी में मौका दिया है. पार्टी ने जो संशोधित लिस्ट जारी की है, उसमें पूर्व मंत्री और विधायक ओम प्रकाश सिंह को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. कुछ दिन पहले नाखुश होकर ओम प्रकाश ने शायराना अंदाज में ट्वीट किया था. हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया था. इस ट्वीट के जरिए उनका दर्द छलका था.

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संशोधित लिस्ट में इन चेहरों को दी गई है जगह

इसके अलावा, सपा ने संशोधित सूची में अरविंद सिंह गोप, अभिषेक मिश्र, अनु टंडन, तारकेश्वर मिश्र को भी राष्ट्रीय सचिव बनाया है. पिछली लिस्ट में इन सभी नेताओं के नाम नहीं थे. अब संशोधित लिस्ट में ब्राह्मण और ठाकुरों को भी जगह देकर सवर्ण समाज को साधने की कोशिश की गई है.

 

 

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